चीन की मदद से पाकिस्तान बना परमाणु शक्ति!

Webdunia
शनिवार, 28 जनवरी 2017 (14:45 IST)
नई दिल्ली। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों से पता चला है कि चीन अपने पाकिस्तान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार था। यहां तक कि उसने इसके लिए अमेरिका के साथ अपने परमाणु सहयोग को भी दांव पर लगाने से गुरेज नहीं किया।
 
सीआईए के दस्तावेजों से हुए खुलासे में कहा गया है कि पाकिस्तान के नेताओं के साथ एक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद चीन ने पाक से कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की निगरानी के लिए परमाणु प्रतिष्ठानों की जानकारी साझा नहीं करे।
 
सीआईए की फाइल्स के अनुसार इस अग्रीमेंट के जरिए पाकिस्तान के असंवेदनशील इलाकों में चीन एक परमाणु निर्यात बाजार को विकसित करना चाहता था। उससे इस कदम से पाकिस्तान के परमाणु ढांचे को लेकर अमेरिका जैसे देशों की चिंता बढ़नी स्वाभाविक थी।
 
अमेरिका के मुताबिक, इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है कि चीन को लगा होगा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की निगरानी की आड़ में गुपचुप ढंग से पाकिस्तान को मदद पहुंचाना आसान रहेगा। साल 1983-84 तक अमेरिका को पता चल चुका था कि चीन-पाकिस्तान परमाणु सहयोग की जड़ें बहुत गहरी हैं।
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