चीन की शातिर चाल, मालदीव भेजा जासूसी जहाज, क्यों बढ़ी भारत की चिंता
प्राइवेट कंपनियां बना रही है सेना
China-Maldives-india : मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से ही मालदीव और भारत के बीच रिश्ते बिगड़ना शुरू हो गए थे। पहले मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस जाने को कह दिया गया और फिर मुइज्जू ने चीन से अपनी करीबियां बढ़ानी शुरू कर दी।
चीन के साथ करीबी बनाते ही ड्रैगन ने भी अपना खेल शुरू कर दिया है। चीन ने फायदा उठाते हुए अपना सर्वे जहाज मालदीव भेज दिया है।
चीन पर जहाजों के जरिए जासूसी करवाने का आरोप लगता रहा है। चीन का यह कदम भारत की चिंताओं को बढ़ा रहा है। तीन महीने पहले भी इसी तरह का एक जहाज हिंद महासागर पहुंचा था, जिसकी वजह से भी तनाव बढ़ गया था।
खबरों के मुताबिक शिप ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि मालदीव पहुंचने से पहले जहाज ने भारत, मालदीव और श्रीलंका के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के ठीक बाहर पानी का सर्वेक्षण करने में तीन सप्ताह से अधिक समय बिताया था।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जहाज अनुसंधान वैज्ञानिक समझ के लाभ के लिए पहुंचा है। एक भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने पहले कहा था कि जहाज 'दोहरे उपयोग' वाले थे, जिसका अर्थ है कि वे जो डेटा एकत्र करते हैं उसका उपयोग नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
कंपनियां बना रही हैं अपनी सेना : चीनी कंपनियां तेजी से अपनी खुद की आर्मी बना रही हैं। तो क्या ये कंपनियां किसी युद्ध की तैयारी कर रही हैं? स्थानीय दंगों को लेकर तैयार हो रही है या किसी नई महामारी को देखते हुए यह सब हो रहा है? सवाल कई हैं। चीनी कंपनियां साल 1970 के बाद पहली बार ऐसा कर रही हैं। एक दिग्गज प्राइवेट डेयरी सहित कम से कम 16 प्रमुख चीनी कंपनियों ने अपने खुद की फाइटिंग फोर्सेस बनाई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इन कॉरपोरेट ब्रिगेड्स की स्थापना विदेशों में संभावित संघर्ष और इकोनॉमी के लड़खड़ाने के चलते घरेलू सामाजिक अशांति के बारे में चीन की बढ़ती चिंताओं को उजागर करती हैं।
इसके अलावा इन ब्रिग्रेड्स को महामारी से निपटने की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग देश में कम्युनिस्ट पार्टी का मजबूत कंट्रोल चाहते हैं। इसमें कॉरपोरेट सेक्टर भी शामिल है। वेबदुनिया न्यूज