चीन, पाक को FATF की काली सूची में डालने की राह में अटका सकता है रोड़ा

Webdunia
शुक्रवार, 1 नवंबर 2019 (07:48 IST)
बीजिंग। पाकिस्तान के समर्थन में आते हुए चीन ने गुरुवार को कहा कि एफएटीएफ का मकसद किसी देश पर प्रतिबंध लगाना या उसे दंडित करना नहीं है। बीजिंग, पाकिस्तान की घरेलू आतंकवादरोधी वित्तपोषण प्रणाली में सुधार में मदद करने के लिए वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंगरोधी निगरानी संस्था के सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करेगा।
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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग की टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि बीजिंग, पेरिस के 'फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स' (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डालने का विरोध करेगा।
 
चीन ने अपने विदेश मंत्रालय के नीति योजना के उपमहानिदेशक याओ वेन की पाकिस्तानी मीडिया को की गई टिप्पणी को भी कमतर करने की कोशिश की। उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया से कहा था कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों की तुलना में चीन की भारत के साथ विश्वास की कमी है।
 
प्रवक्ता से वेन की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगी गई कि चीन एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डालने का विरोध करेगा। प्रवक्ता गेंग ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंगरोधी निकाय का लक्ष्य किसी देश पर प्रतिबंध लगाना या उसे दंडित करना नहीं है।
 
सरकारी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक वेन ने कहा कि चीन नहीं चाहता है कि कोई एक देश एफएटीएफ का राजनीतिकरण करे। समाचार एजेंसी ने उनके हवाले से कहा कि कुछ देश हैं, जो चाहते हैं कि पाकिस्तान को काली सूची में डाला जाए। हमारा मानना है कि यह उनका राजनीतिक उद्देश्य है। चीन इसके खिलाफ है। चीन इंसाफ के लिए खड़ा है।
 
चीन के एफएएफटी द्वारा पाकिस्तान को काली सूची में डालने का विरोध करने की वेन की टिप्पणी से इस तरह की चिंताएं उपजी हैं कि क्या चीन, पाकिस्तान में रहने वाले आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में जैसा रोड़ा अटकता रहा था, वैसा ही इस मामले में भी करेगा?
 
चीन अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की भारत, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की कोशिशों को 10 साल तक बाधित करता रहा और इस साल मई में उसने मामले पर से अपनी तकनीकी रोक तब हटाई, जब अमेरिका ने मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ले जाने की धमकी दी।
 
इस समय एफएटीएफ के प्रमुख चीनी अधिकारी शिआंगमिन लियू हैं। वे चीन के केंद्रीय बैंक के विधि विभाग के पूर्व महानिदेशक थे। गैंग ने पत्रकारों से कहा कि एफएटीएफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम और आतंकवाद के वित्तपोषण की गतिविधियों से लड़ने के लिए एक अहम संस्था है।
 
उन्होंने कहा कि एफएटीएफ का उद्देश्य सभी देशों को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण की अवैध गतिविधियों या अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली के दुरुपयोग से लड़ने में बेहतर मदद करना है। एफएटीएफ का लक्ष्य किसी भी देश को प्रतिबंधित करना या उसे दंडित करना नहीं है।
 
पेरिस में 16 अक्टूबर को एफएटीएफ ने सैद्धांतिक रूप से यह निर्णय किया था कि अगले साल फरवरी तक पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में रखा जाए और इस्लामाबाद को निर्देश दिया था कि वह आतंकवाद का वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए और उपाय करे, नहीं तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा।
 
भारत के साथ विश्वास की कमी की वेन की टिप्पणी पर, खासकर चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के मद्देनजर गेंग ने कहा कि चीन और पाकिस्तान सभी मौसम के रणनीतिक साझेदार हैं और वे करीबी सहयोगी हैं।
 
उन्होंने कहा कि चेन्नई में राष्ट्रपति शी और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात के संबंध में मेरा मानना है कि दोनों पक्षों ने बयान जारी किए हैं और दोनों पक्षों ने वैश्विक, क्षेत्रीय रणनीतिक मुद्दों पर एक दोस्ताना माहौल में विचारों का आदान-प्रदान किया है और करीबी साझेदारी विकसित करने पर सहमत हुए हैं।
 
प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत और चीन के बीच सहयोग तेजी से बढ़ा है। हमारे पास लोगों के बीच संपर्क का तंत्र है। कई क्षेत्रों में हमें सार्थक नतीजे मिले हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह हमारी आपसी समझ और विश्वास में योगदान देता है और यह हमारी पारस्परिक समझ तथा विश्वास में योगदान देता है।

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