बीजिंग। चीन ने अंतरिक्ष में महाविनाशक परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया है, उसने पहले एक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल को अंतरिक्ष की निचली कक्षा में भेजा। इस मिसाइल ने पहले धरती का चक्कर लगाया। गौर हो कि अंतरिक्ष से मिसाइल दागने की क्षमता अभी किसी देश के पास नहीं है।
दुनिया के 5 देश कर रहे हैं काम : हाइपरसोनिक मिसाइलें वो होती हैं, जो आवाज की गति से 5 गुना तेज चलती हैं। चीन के अलावा अमेरिका, रूस और कम-से-कम देश फिलहाल हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं गौर हो कि हाइपरसोनिक मिसाइल पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों की तरह ही परमाणु हथियारों को ले जा सकती है।
खबरों के अनुसार इस मिसाइल ने पृथ्वी की निचली कक्षा या लो ऑर्बिट में चक्कर काटा। हालांकि यह परीक्षण अपने टारगेट तक पहुंचने में सिर्फ 32 किलोमीटर से चूक गया, लेकिन एक्सपर्ट्स ने कहा है कि चीन ने अब इस तरह की टेक्नोलॉजी तैयार कर ली है और वह अब परीक्षण में कामयाब हो सकता है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी हैरान : चीन के हाइपरसोनिक मिसाइल के इस परीक्षण से अमेरिकी खुफिया एजेंसियां भी हैरत में है। इस पूरे मामले में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि वे इस खास रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। किर्बी ने इतना कहा कि हमने चीन की सैन्य क्षमताओं पर लगातार चिंता जताई है जिससे क्षेत्र में और दुनिया के अन्य हिस्सों केवल टेंशन बढ़ेगा। इसी वजह से हम चीन को अपने लिए नंबर 1 की चुनौती मानते हैं।
क्या है खासियत? : यह हथियार चीन के एयरोस्पेस एरोडायनामिक्स (सीएएए) अकादमी द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो राज्य के स्वामित्व वाली चीन एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन के तहत है। यह हाइपरसोनिक मिसाइल दक्षिणी ध्रुव के ऊपर से उड़ सकता है। यह अमेरिकी सेना के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि इसकी मिसाइल रक्षा प्रणाली उत्तरी ध्रुवीय मार्ग पर केंद्रित है। खबरों के मुताबिक यह अमेरिकी हथियारों से भी ताकतवर हैं। ये ध्वनि की गति से 5 या इससे भी अधिक गुना तेजी से उड़ सकता है। ये बैलिस्टिक मिसाइल की तुलना में अधिक तेज गति से टारगेट को भेदने में सक्षम है। परमाणु हथियारों से लैस इस तरह के मिसाइलों को ट्रैक करना भी बेहद मुश्किल है।