बीजिंग। चीनी वायुसेना ने दक्षिणी चीनी समुद्र और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में एक बार फिर जोरदार सैन्याभ्यास करते हुए अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।
चीन इस समय अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण की प्रकिया पर अधिक ध्यान दे रहा है और इसी के तहत वह नौसेना और वायुसेना के बेड़े में लड़ाकू विमानों तथा हथियारों को बढ़ा रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कार्यकाल स्थायी हो जाने के बाद चीनी सरकार का पूरा ध्यान अब सेनाओं के आधुनिकीकरण पर है।
चीन का यह भी कहना है कि उसका रवैया किसी के भी खिलाफ नहीं है लेकिन वह अपनी सीमाओं की रक्षाओं के लिए इस तरह के अभ्यास कर रहा है। चीनी वायुसेना ने एक बयान में कहा है कि इस अभ्यास में एच-6 के बमवर्षक और सुखोई-30 तथा सुखोई-35 लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया तथा दक्षिणी चीनी समुद्री क्षेत्र में अपनी समाघात गश्त प्रक्रिया को तेज किया। ये विमान जापानी द्वीपों के ऊपर से भी होकर गुजरे हैं।
बयान में यह नहीं बताया गया कि यह अभ्यास कब किया गया और किस क्षेत्र में किया गया? बयान के मुताबिक वायुसेना की इस तरह की रिहर्सल भावी युद्ध की आशंकाओं को देखते हुए की जा रही है ताकि अपनी ताकत को अधिक से अधिक प्रभावी बनाया जा सके। (वार्ता)