लंदन। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सम्मान में शुक्रवार को पूरे ब्रिटेन में चर्च की घंटियां बजाई गईं वहीं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग शाही महल के सामने एकत्र हुए। इस बीच देश एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है और चार्ल्स तृतीय नए सम्राट होंगे।
पूरी जिंदगी ब्रिटेन की राजगद्दी संभालने की तैयारी करने के बाद अंतत: 73 साल की उम्र में चार्ल्स को महाराजा चार्ल्स तृतीय के रूप में देश की राजगद्दी पर बैठने का अवसर मिला है। महाराजा चार्ल्स ऐसे समय गद्दी पर बैठ रहे हैं, जब देश और स्वयं राजशाही दोनों के लिए अनिश्चितता का दौर है।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ब्रिटेन में 10 दिनों का शोक मनाया जा रहा है। महारानी का गुरुवार को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में निधन हो गया था और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए दुनियाभर में लोग ब्रिटिश दूतावासों में एकत्र हो रहे हैं।
दिवंगत महारानी को लंदन में 96 तोपों की सलामी दी जाएगी। महारानी की उम्र के हर 1 साल के लिए 1 तोप की सलामी दी जाएगी। महाराजा बनने के पहले दिन चार्ल्स अपनी पत्नी कैमिला के साथ बाल्मोरल से लंदन रवाना हुए।
उम्मीद की जा रही है कि वे कुछ दिन पहले ही नियुक्त प्रधानमंत्री लिज ट्रस से मुलाकात करेंगे और और ऐसे समय में राष्ट्र को संबोधित करेंगे, जब देश के सामने ऊर्जा संकट, जीवन की बढ़ती लागत, यूक्रेन युद्ध और ब्रेक्जिट के नतीजे जैसे मुद्दे हैं। सैकड़ों लोग रात में ही बकिंघम पैलेस पहुंचे और उसके गेट पर फूल रखे। बकिंघम पैलेस लंदन में शाही निवास है।(भाषा)