जलवायु समझौते पर भारत करे अमेरिका-चीन का अनुसरण

Webdunia
सोमवार, 5 सितम्बर 2016 (19:20 IST)
हांगझोऊ। भारत जहां पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन इसी साल करवाने के लिए अमेरिका और चीन की ओर से बनाए जा रहे दबाव का विरोध कर रहा है, वहीं चीनी आधिकारिक मीडिया ने कहा है कि अब समय आ गया है कि भारत यह दिखा दे कि वह जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सीमित करने के लिए वाकई गंभीर है। भारत पर दबाव बनाने वाले अमेरिका और चीन विश्वभर में होने वाले लगभग 40 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं।
सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एक लेख में सोमवार को कहा गया कि अमेरिका और चीन द्वारा पेरिस जलवायु समझौते का अनुमोदन किए जाने से दूसरी उभरती एवं औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक मिसाल कायम हुई है।
 
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि क्रमश: तीसरे और चौथे सबसे बड़े उत्सर्जक यानी यूरोपीय संघ और भारत भी यह दिखा दें कि वे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सीमित करने के लिए गंभीर हैं। 
 
जी-20 सम्मेलन में जब चीन और अमेरिका ने जलवायु परिवर्तन समझौते के अनुमोदन के लिए 2016 को एक समय सीमा के रूप में स्थापित करने की कोशिश की तो भारत ने उनकी ओर से डाले जाने वाले दबाव का विरोध किया। ये दोनों देश खुद इस समझौते का अनुमोदन करके संयुक्त राष्ट्र को सूचित कर चुके हैं।
 
लेख में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून जहां इस बात को लेकर आशान्वित और सकारात्मक हैं कि इस समझौते को साल के अंत तक लागू किया जा सकता है, वहीं भारतीय अधिकारी ऐसा नहीं मानते। अंतत: नई दिल्ली को एक अंतर्द्वंद्व से निकलना है। 
 
लेख में कहा गया कि चीन भी विकास के उसी चरण से होकर गुजरा है और तब भी उसने ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने की दिशा में अहम प्रतिबद्धता दिखाई है। भारत एक वैश्विक शक्ति बनने और अंतरराष्ट्रीय मामलों में बड़ी भूमिका निभाने के लिए प्रयासरत है इसलिए उसे धरती को बचाने के लिए मुश्किलों की चिंता किए बिना अपनी जिम्मेदारियों को उठाना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए।
 
इसमें कहा गया कि इस प्रक्रिया में चीन एक विश्वसनीय सहयोगी हो सकता है। भारत ने अपने प्रस्ताव में पिछले साल संकल्प लिया था कि वह सौर बिजली, पनबिजली और पवन ऊर्जा जैसी स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को तेजी से बढ़ाएगा। इसके लिए अन्य देशों से उपयुक्त प्रौद्योगिकियों का स्थानांतरण होना है और चीन बहुत-सी उपयोगी प्रौद्योगिकियां एवं अनुभव उपलब्ध करवा सकता है। (भाषा)
Show comments

जरूर पढ़ें

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली में स्मारक बनेगा, बेटी शर्मिष्ठा बोलीं- बाबा कहते थे, राजकीय सम्मान मांगने नहीं चाहिए

मुफ्त योजनाओं पर बेबस EC, राजीव कुमार बोले- हमारे हाथ बंधे हुए

कौन है जेल में बंद दिल्ली दंगों का आरोपी, जिसे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने दिया टिकट

जस्टिन ट्रूडो की रवानगी से कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों पर क्या होगा असर, 2025 से लागू होगा यह नियम

केजरीवाल बोले, काम की राजनीति और गाली गलौज की राजनीति के बीच होगा होगा चुनाव

सभी देखें

नवीनतम

देश में HMPV के 8 केस, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु में 2-2 मामले, बंगाल-गुजरात में 1-1, केंद्र ने राज्यों को दिए निर्देश

Bharatpol : क्या है भारतपोल, भगोड़े अपराधियों कैसे कसेगा शिकंजा, स्वदेशी इंटरपोल की जरूरत क्यों

Maharashtra : कोचिंग संस्थान ने JEE छात्रों से 3 करोड़ ठगे, 8 पर मामला दर्ज

Indore : BJP पार्षदों के बीच जंग, कमलेश कालरा और जीतू यादव को नोटिस जारी, 48 घंटे में मांगा जवाब

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली में स्मारक बनेगा, बेटी शर्मिष्ठा बोलीं- बाबा कहते थे, राजकीय सम्मान मांगने नहीं चाहिए

अगला लेख