ट्रंप पुतिन की बातचीत, क्या हो पाएगा रूस और यूक्रेन में सीजफायर, क्या निकला नतीजा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 18 मार्च 2025 (22:09 IST)
Trump Putin talks: अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास सह कार्यालय व्हाइट हाउस ने वॉशिंगटन में कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच बहुप्रतीक्षित बातचीत शुरू हो गई है। इस बातचीत के जरिए ट्रंप प्रशासन, रूस के राष्ट्रपति को युद्ध समाप्त करने के संभावित उपाय के रूप में 30 दिवसीय संघर्षविराम प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी करना चाहता है।ALSO READ: Ukraine War : क्‍या अब खत्‍म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध, संघर्षविराम को लेकर पुतिन से बात करेंगे ट्रंप
 
पिछले सप्ताह यूक्रेन के अधिकारियों ने सऊदी अरब में, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के नेतृत्व में हुई वार्ता के दौरान अमेरिकी प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को पुतिन के शांति के लिए तैयार होने को लेकर संदेह हैं, क्योंकि रूसी सेना यूक्रेन पर लगातार बमबारी कर रही है। ट्रंप ने फोन पर बातचीत से पहले कहा था कि वह पुतिन के साथ उन क्षेत्रों और बिजली संयंत्रों पर चर्चा करेंगे, जिनपर तीन वर्ष से जारी युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया गया है।ALSO READ: Russia-Ukraine war : वोलोदिमीर जेलेंस्की के भरोसे को डोनाल्ड ट्रंप देंगे बड़ा झटका, पुतिन ने रखी शर्त, क्या हो पाएगा रूस-यूक्रेन युद्धविराम
 
व्हाइट हाउस युद्धविराम समझौते को लेकर आशावादी : अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस युद्धविराम समझौते को लेकर आशावादी है, हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को संदेह है कि पुतिन ट्रंप को दिखावटी समर्थन देने के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं, जबकि रूसी सेना उनके देश पर बमबारी जारी रखे हुए है।
 
यह घटनाक्रम अमेरिका-रूस संबंधों में नाटकीय रूप से आए बदलाव की नवीनतम कड़ी है, क्योंकि ट्रंप ने संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बना लिया है। यहां तक ​​कि इसके लिए अमेरिका के पुराने सहयोगियों के साथ संबंधों में तनाव की कीमत भी चुकानी पड़ रही है, जो चाहते हैं कि पुतिन को आक्रमण के लिए दंडित किया जाए।
 
ट्रंप ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि रूस में स्थिति खराब है, यूक्रेन में भी हालात खराब हैं। यूक्रेन में जो कुछ हो रहा है, वह अच्छा नहीं है, लेकिन हम देखेंगे कि क्या हम शांति समझौता, युद्धविराम और शांति स्थापित कर सकते हैं और मुझे लगता है कि हम ऐसा करने में सक्षम होंगे।ALSO READ: क्‍या यूक्रेन में होगा 30 दिन का संघर्ष विराम, अमेरिकी प्रस्ताव पर पुतिन ने दिया यह बयान
 
ट्रंप-पुतिन वार्ता की तैयारी के लिए, व्हाइट हाउस के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने पिछले सप्ताह मॉस्को में पुतिन से मुलाकात कर प्रस्ताव पर चर्चा की थी। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सऊदी अरब में वार्ता के दौरान यूक्रेन के वरिष्ठ अधिकारियों को युद्धविराम की रूपरेखा पर सहमत होने के लिए राजी किया था।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वॉशिंगटन और मॉस्को ने संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक समझौते के हिस्से के रूप में यूक्रेन और रूस के बीच कुछ संपत्तियों को विभाजित करने पर चर्चा शुरू कर दी है। अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान युद्ध को शीघ्र समाप्त करने का संकल्प जताने वाले ट्रंप ने कई बार पुतिन के साथ अपने संबंधों का बखान किया और रूस के अकारण आक्रमण के लिए यूक्रेन को दोषी ठहराया। इतना ही नहीं उन्होंने जेलेंस्की पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़े युद्ध को अनावश्यक रूप से लंबा खींचने का आरोप लगाया।
 
पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को बताया कि ट्रंप और पुतिन यूक्रेन में युद्ध पर चर्चा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका-रूस संबंधों को सामान्य बनाने को लेकर कई सवाल अब भी बाकी हैं। विटकॉफ और व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि अमेरिकी और रूसी अधिकारियों ने दक्षिणी यूक्रेन में यूरोप के सबसे बड़े ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के भविष्य पर चर्चा की है।ALSO READ: रूस में यूक्रेन का बड़ा ड्रोन अटैक, 337 यूक्रेनी ड्रोन ढेर
 
वर्ष 2022 में मॉस्को द्वारा यूक्रेन में सेना भेजे जाने तथा उसके कुछ समय बाद ही संयंत्र पर कब्ज़ा जमाए जाने के बाद यह संयंत्र हमले की चपेट में आ गया है। यह संयंत्र एक महत्वपूर्ण परिसंपत्ति है, जो युद्ध से पहले के वर्ष में यूक्रेन की लगभग एक चौथाई बिजली का उत्पादन करता था।
 
लेविट ने कहा कि मैं कह सकती हूं कि हम शांति से 10 कदम की दूरी पर हैं। और हम इस समय शांति समझौते के जितने करीब हैं, उतने पहले कभी नहीं थे। और जैसा कि आप जानते हैं, राष्ट्रपति इसे पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इस प्रस्तावित बातचीत को ट्रंप के लिए अमेरिकी विदेश नीति को एक नई दिशा देने के अवसर के रूप में भी देखा जा रहा है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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