बीजिंग। कोरोना वायरस के प्रकोप से चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गुरुवार को अपने मित्रदेश पाकिस्तान को आश्वासन दिया कि इस महामारी से चीन का दीर्घकालिक विकास प्रभावित नहीं होने वाला। चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से मृतक संख्या 2118 पहुंच गई है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के राष्ट्रपति शी के लिए आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आश्वासन देना असमान्य बात है जहां पाकिस्तान चीन के आर्थिक सहयोग के भरोसे है तो चीन खुद भी एक महीने से अधिक समय से संकट से जूझ रहा है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर भी पाकिस्तान को चीन से मदद की दरकार है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरने वाला सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव का हिस्सा है।
डॉन अखबार की खबर के अनुसार शी ने पाकिस्तान-चीन आर्थिक साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने की चीन की प्रतिबद्धता भी जताई और कहा कि सीपीईसी इसमें सबसे मजबूत कड़ी रहेगा।
सरकारी सीजीटीएन टीवी ने कहा कि शी ने खान को कोरोना वायरस के खिलाफ चीन की लड़ाई में सकारात्मक प्रगति के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि इसका चीन की अर्थव्यवस्था पर असर अस्थाई होगा। उन्होंने संकल्प जताया कि देश कड़ी मेहनत के जरिये सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र में तय लक्ष्यों को अब भी हासिल कर लेगा।
पाकिस्तान पर बढ़ा दबाव : इस बीच पाकिस्तान पर उसके देश के करीब 1000 लोगों और उनके परिजनों का दबाव बढ़ रहा है जो चीन में वायरस प्रभावित वुहान शहर और हुबेई प्रांत में अटके हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान अपने नागरिकों को क्यों नहीं निकाल पा रहा है जबकि भारत के साथ ही श्रीलंका तथा बांग्लादेश जैसे अन्य देशों ने अपने नागरिकों को निकाल लिया है।
पाकिस्तान के चार छात्र वायरस से संक्रमित हो गए थे और चीनी अधिकारियों के मुताबिक इनमें से तीन की हालत में सुधार हुआ है।
चीन के एक अधिकारी ने कहा कि 29 विदेशी भी वायरस से संक्रमित हुए हैं लेकिन उन्होंने रोगियों की नागरिकता की जानकारी नहीं दी।