पेरिस। क्या आपका स्मार्टफोन अचानक धीमा हो गया है, गर्म होने लगा है और उसकी बैटरी बिना स्पष्ट कारण के ही जल्द खत्म हाने लगी है? यदि ऐसा है तो हो सकता है कि क्रिप्टो करेंसियों की ‘माइनिंग’ में उसे इस्तेमाल किया जा रहा हो। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस नए तरह के साइबर हमले को क्रिप्टोजैकिंग का नाम दिया है।
क्या है क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग : यह बुनियादी तौर पर ऐसी प्रक्रिया है जिससे किसी आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) में लेन-देन को सत्यापित और उन्हें पूरा करने में मदद मिलती है। इसकी एवज में माइनिंग करने वालों को अक्सर इनाम के तौर पर कुछ मुद्रा दी जाती है।
आईटी सेवा प्रबंधन कंपनी वेभस्टोन में विशेषज्ञ जेरोम बिलॉइस ने कहा कि इसमें किसी इंटरनेट सर्वर, किसी पर्सनल कंप्यूटर या किसी स्मार्टफोन को अपने जाल में फंसाया जाता है ताकि क्रिप्टो करेंसियों की माइनिंग के लिए 'मैलवेयर' डाला जा सके।
माइनिंग के संचालन में हजारों प्रोसेसर एक साथ जोड़े जाते हैं ताकि क्रिप्टो करेंसियों की आमद के लिए उपलब्ध गणना शक्ति (कंप्यूटिंग पॉवर) बढ़ाई जा सके।
हैकरों ने खोजा यह नया रास्ता : बिटकॉइन, एथेरियम, मोनेरो और अन्य क्रिप्टो करेंसियों की माइनिंग काफी मुनाफेदार हो सकती है, लेकिन इसमें काफी निवेश की जरूरत होती है और बिजली के बिल बहुत ज्यादा आते हैं।वे चुपके-चुपके स्मार्टफोनों में होने वाले प्रोसेसरों का दोहन करने लगे हैं।
हैकर्स इस तरह देते हैं लालच : क्रिप्टोजैकिंग के शिकार लोगों को लालच देने के लिए हैकर यूनानी पौराणिक कथाओं के ट्रोजन हॉर्स सबटरफ्यूज के डिजिटल जगत के समकक्ष का सहारा लेते हैं। इसमें अहानिकर दिखने वाले ऐप का सहारा लिया जाता है। खेल (गेम) वाले ऐप हैकरों को काफी आकर्षित करते हैं।
आईटी सुरक्षा कंपनी ईएसईटी के शोधकर्ताओं ने कहा, 'हाल में हमने पाया कि लोकप्रिय गेम बग स्मैशर का एक संस्करण, जिसे गूगल प्ले से 10 लाख से 50 लाख के बीच इंस्टॉल किया जा चुका है, गोपनीय तरीके से यूजरों के उपकरण में मोनेरो नाम की क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग कर रहा था।' (भाषा)