वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों के आयात पर 50 अरब डॉलर के शुल्क को मंजूरी दे दी। अमेरिका के व्यापार मंत्री द्वारा इस संबंध में शुक्रवार का औपचारिक घोषणा किए जाने का अनुमान है। आने वाले सप्ताह में इसे संघीय लेखा-जोखा में भी अधिसूचित किए जाने का अनुमान है।
ऐसी आशंका है कि चीन भी इस पर जवाबी कदम उठाएगा। ट्रंप ने वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस, वित्तमंत्री स्टीवन नुचिन और व्यापार मंत्री रॉबर्ट लाइटहाइजर के साथ कल 90 मिनट की बैठक के बाद इसे मंजूरी दी। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
निर्णय के बाद कांग्रेस की सदस्य रोजा डीलॉरो ने कहा कि इस शुल्क को अमेरिका द्वारा चीन जैसे गैरजिम्मेदार देशों को जवाबदेह बनाने तथा चीन की सरकार को व्यापार का अधिक अनुकूल संतुलन तय करने के लिए बातचीत की मेज तक लाने के समाधान की तरह देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, हम हालिया अफरातफरी को जारी रहने देकर विश्व में अपनी स्थिति पर नुकसान नहीं पहुंचने दे सकते हैं। यही कारण है कि मैं राष्ट्रपति ट्रंप से ऐसी विस्तृत नीति के साथ अमेरिकी रोजगार के लिए लड़ने की अपील कर रही हूं, जो अमेरिका के आर्थिक हितों को सामने और केंद्र में रखे।
इस बीच वाल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अमेरिका का निर्णय जवाबी कदम के 'जैसे को तैसा' प्रतिक्रिया की श्रृंखला की शुरुआत कर सकता है। चीन के एक अधिकारी ने भी कहा था कि यदि अमेरिका चीन पर शुल्क लगाता है तो चीन भी तत्काल अमेरिका पर शुल्क लगाएगा। (भाषा)