ट्रंप और किम की शिखर वार्ता पर दक्षिण कोरिया में उम्मीदें, संदेह और बेरुखी

Webdunia
सोमवार, 11 जून 2018 (19:51 IST)
सोल। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार को होने वाली शिखर वार्ता को लेकर दक्षिण कोरिया के लोग पीढ़ीगत एवं राजनीतिक आधार पर बंटे नजर आ रहे हैं।
 
 
कुछ लोगों को उम्मीद है कि शीतयुद्ध जैसे टकराव का अंत होगा और उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को त्याग देगा, जबकि अन्य लोगों को प्योंगयांग की मंशा पर संदेह है, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनका कहना है कि उनके देश में खुद ही बहुत सारी आर्थिक समस्याएं हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।
 
पेशे से कामगार ली ईयून-हो (70) ने कहा कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को कभी नहीं छोड़ेगा, क्योंकि किम ने तो उन्हें विकसित ही इसलिए किया ताकि सत्ता पर उसकी पकड़ बनी रहे। शिखर वार्ता से मुझे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है। फिर से एकीकरण असंभव होगा, क्योंकि 4 ताकतें (अमेरिका, चीन, रूस और जापान) एकीकृत कोरिया देखना पसंद नहीं करतीं।
 
पूर्व बैंककर्मी चोई हो-चुल (73) ने कहा कि उन्हें इस बात पर संदेह है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार छोड़ देगा, क्योंकि वह उसकी आबादी नियंत्रित करने का जरिया है। मैं शर्तिया तौर पर कहता हूं कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार नहीं छोड़ेगा तथा अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को उत्तर कोरिया से प्यार और सख्ती दोनों तरह से पेश आना चाहिए ताकि वह परमाणु हथियार छोड़ दे।
 
गृहिणी ली हाय-जी (31) को ट्रंप-किम की शिखर वार्ता से उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों को छोड़ने से कहीं ज्यादा उनकी दिलचस्पी इस घोषणा में है कि कोरियाई युद्ध खत्म हो चुका है तथा इससे एक फिर से एकीकरण की दिशा में एक कदम और बढ़ेंगे।
 
पेंशनर चो सुंग-क्वोन (62) ने कहा कि अगर हम लड़ना बंद कर दें तो यह अच्छी चीज होगी। सीमाई गांव पनमुनजोम गांव में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन से 2 मुलाकातों के बाद किम की छवि मेरी नजरों में बहुत सुधरी है। कम उम्र होने के बाद भी वह काफी चालाक लगता है तथा मुझे लगता है कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को छोड़ देगा, क्योंकि वह जानता है कि उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।
 
बेरोजगारी का सामना कर रहे ली डो क्यू (27) ने कहा कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच हाल में हुई शिखर वार्ता ने राजनीति में उसकी दिलचस्पी बढ़ा दी थी, लेकिन यह रुचि जल्द ही खत्म भी हो गई है तथा इन दिनों नौकरी तलाशने में आ रही दिक्कतों के कारण मुझे उन बातों में दिलचस्पी नहीं रही। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Delhi : दिल्ली में CM के बंगले को लेकर फिर घमासान, AAP और कांग्रेस ने रेखा गुप्ता पर लगाए आरोप

पाकिस्तान ने दिखाया असली रंग, UNSC का अध्यक्ष बनते ही उठाया कश्मीर मुद्दा, चालबाजियों से कैसे निपटेगा भारत

ESIC की नियोक्ता और कर्मचारी पंजीकरण योजना शुरू, जानिए कब तक रहेगी लागू

Hero का सस्ता इलेक्ट्रिक स्कूटर Vida VX2 हुआ लॉन्च, जानिए कीमत और फीचर्स

क्या है केन्द्र सरकार की ELI Scheme, कैसे मिलेंगे आपको 15000 रुपए, क्या है पात्रता और शर्तें

सभी देखें

नवीनतम

क्या संविधान से हटाए जा सकते हैं ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘समाजवाद’ जैसे शब्द? क्या हैं संविधान संशोधन के नियम

33 आधुनिक तकनीकों से लैस होंगे जवान, सेना को मिलेगी ड्रोन वॉर की ट्रेनिंग

ड्राइवर की खुद की गलती से हुई मौत तो मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं बीमा कंपनियां, SC का बड़ा फैसला

Who is Samik Bhattacharya : कौन हैं समिक भट्टाचार्य, जो पश्चिम बंगाल में संभालेंगे BJP की कमान, क्या है सबसे बड़ी चुनौती

Delhi Jal Board Scam : क्‍या फिर जेल जाएंगे सत्‍येंद्र जैन, भ्रष्टाचार मामले में ED ने की पूछताछ

अगला लेख