वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को उनकी पहली गोपनीय खुफिया ब्रीफिंग दी गई। उनका कहना है कि यदि वे नवंबर के आम चुनाव में चुने जाते हैं तो वे शायद इसका 'इस्तेमाल' न करें।
अमेरिकी नियमों के अनुसार, राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों के उम्मीदवारों को राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी के लिए तैयार करने के लिए राष्ट्रपति पद से जुड़ी गोपनीय जानकारी दी जाती है।
पूर्व में ट्रंप द्वारा की गई विवादित भाषणबाजी के कारण उनके विपक्षियों ने अमेरिकी सरकार से अनुरोध किया है कि ट्रंप को यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाए। हालांकि एफबीआई ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को गोपनीय जानकारी उपलबध करवाने की परंपरा निभाते हुए उन्हें ब्रीफिंग दी। यह ब्रीफिंग एफबीआई के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय में हुई।
ट्रंप के साथ उनके दो विश्वस्त लोग- न्यूजर्सी के गवर्नर क्रिस क्रिस्टी और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल माइकल फ्लाइन थे। नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक के नेतृत्व में दी गई यह ब्रीफिंग दो घंटे से ज्यादा समय तक चली।
इस ब्रीफिंग के बारे में कोई जानकारी तो नहीं दी गई है लेकिन आम तौर पर इनमें अमेरिका पर मंडराने वाले खतरों और सुरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों का जिक्र होता है। यह ब्रीफिंग खुफिया अभियान से संबंधित नहीं होती है। (भाषा)