कीचड़ का विशालकाय गोला थी पृथ्वी!

Webdunia
शनिवार, 15 जुलाई 2017 (15:23 IST)
मेलबर्न। पूर्व के अध्ययन के उलट ऐसी संभावना है कि पृथ्वी जैसे ग्रहों की उत्पत्ति चट्टानी क्षुद्रग्रहों के तौर पर नहीं बल्कि गर्म कीचड़ से बने विशालकाय गोलों के तौर पर हुई। एक नये अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।
 
वैज्ञानिक लंबे समय से कहते आए हैं कि पृथ्वी सहित ग्रहों का निर्माण चट्टानी क्षुद्रग्रहों से हुआ लेकिन नए शोध में इस मान्यता को चुनौती दी गई है।
 
ऑस्ट्रेलिया के कर्टिन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे सौरमंडल में कई मूल खगोलीय खंडों ने संभवत: असल में चट्टानी क्षुद्रग्रहों के रूप में जीवन की शुरुआत नहीं की बल्कि यह गर्म कीचड़ के बने विशालकाय गोले के तौर पर हुई।
 
विश्वविद्यालय के खगोलविज्ञानी फिल ब्लैंड ने मौजूदा ग्रहों के शुरूआती रूप छोटे ग्रहों के बारे में बेहतर जानकारी हासिल करने के लिए यह शोध किया था।
 
विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक ब्रायन ट्रैविस ने कहा कि रेडियोसक्रिय आइसोटोप के क्षय से निकली गर्मी से बर्फ पिघलने और उस पानी के धूल के महीण कणों में मिलने से कीचड़ का जन्म हुआ होगा। यह अध्ययन ‘साइंस एडवांसेज’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। (भाषा) 
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