जकार्ता। इंडोनेशिया में भूकंप और उसके बाद आई सुनामी से मरने वालों की संख्या करीब 832 तक पहुंच गई। सबसे ज्यादा तबाही पालू और दोंगला शहर में हुई है। यहां करीब 10 से 17 फुट तक ऊंची समुद्री लहरों में लोग बह गए। हजारों इमारतें गिर गईं और इनके मलबे में सैकड़ों लोग फंसे हैं। इन लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है। शुक्रवार को रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र दोंगला से 56 किमी दूरी पर जमीन से 10 किमी नीचे था। आपदा एजेंसी की लापरवाही से बचने का मौका नहीं मिला।
लापरवाही से गई लोगों की जान : इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत के पीछे आपदा एजेंसी बीएमकेजी की लापरवाही भी है। एजेंसी ने पहली बार भूकंप आने पर सुनामी की चेतावनी जारी की थी, लेकिन 34 मिनट बाद ही इसे वापस ले लिया। इसके बाद 7.5 तीव्रता के 2 भूकंप और आए। 3 घंटे के भीतर ही पालू और दोंगला में सुनामी आ गई।
चेतावनी वापस लेने के कारण लोग सुरक्षित जगहों पर नहीं पहुंच पाए। पालू के बीच पर शुक्रवार शाम को फेस्टिवल चल रहा था। पालू में करीब 3.80 लाख लोगों पर असर पड़ा है। दोंगला भी करीब-करीब तबाह हो गया है। अस्पताल भर गए हैं और खुले में भी लोगों का इलाज किया जा रहा है।
ऊंची लहरों ने तबाह किए घर, परिवार लापता : ऊंची लहरों के कारण कई घरों को नुकसान पहुंचा और कई परिवार अभी भी लापता हैं। सुतोपो ने कहा कि सुलावेसी में कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। अंधेरे के कारण राहत और बचाव कार्य में परेशानी आ रही है। पालू एयरपोर्ट बंद हो जाने से इंडोनेशियाई सेना को मदद पहुंचाने में परेशानी हो रही है।