नई दिल्ली। यूजर्स की निजी जानकारियों के दुरुपयोग के मामले में घिरी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने इस पूरे विवाद में गत सप्ताह करीब 10 अरब डॉलर (लगभग 650 अरब रुपए) गंवाए हैं और वह फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में पांचवें स्थान से फिसलकर सातवें स्थान पर आ गए हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव जीतने में मदद करने वाली ब्रिटेन की डाटा एनालिसिस कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक की सांठगांठ का खुलासा गत 16 मार्च हो हुआ और इस पर जुकरबर्ग की कई दिनों की चुप्पी उनकी निजी संपत्ति के लिए ज्यादा नुकसानदेह साबित हुई। फेसबुक पर आरोप है कि उसने अमेरिका के पांच करोड़ यूजर्स की जानकारी डाटा एनालिसिस कंपनी को मुहैया कराई जिसका इस्तेमाल टार्गेट मैसेजिंग में किया गया।
इस खुलासे के बाद फेसबुक पर विज्ञापन देने वाली कई कंपनियों ने उससे किनारा कर लिया है और यूजर्स की संख्या भी घट रही है। कंपनी के शेयरों में भी तेज गिरावट देखने को मिली है। कंपनी के शेयर गत सप्ताह 14 फीसदी लुढ़के हैं और जुकरबर्ग के पास करीब 82 लाख शेयर हैं। मोजिला और कॉमर्जबैंक ने फेसबुक पर विज्ञापन देना बंद कर दिया है।
निवेशकों का मानना है कि आने वाले समय में नियामक फेसबुक पर सख्ती कर सकते हैं जिनसे उनका निवेश खतरे में पड़ सकता है। फेसबुक की कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा विज्ञापन से आता है और विज्ञापनदाताओं को भी इससे लाभ होता है। लेकिन ये कंपनियां डाटा की निजता के उल्लंघन के मामले से खुद को जोड़ना नहीं चाहतीं।
फेसबुक से टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने भी नाता तोड़ लिया है और उन्होंने अपनी कंपनियों टेस्ला और स्पेस एक्स के फेसबुक अकांउट बंद कर दिये हैं। इसके अलावा कई नामचीन लोग इसके खिलाफ उठ खड़े हुए हैं जिससे इसकी लोकप्रियता खतरे में आ गई है। (वार्ता)