Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शपथ ग्रहण पर हमले की आशंका, किले में तब्दील हुआ वॉशिंगटन डीसी, 25000 से ज्यादा नेशनल गार्ड तैनात

हमें फॉलो करें शपथ ग्रहण पर हमले की आशंका, किले में तब्दील हुआ वॉशिंगटन डीसी, 25000 से ज्यादा नेशनल गार्ड तैनात
, सोमवार, 18 जनवरी 2021 (12:25 IST)
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन और नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह से पहले हथियारबंद लोगों द्वारा हिंसा की आशंका तथा अन्य खतरों के संबंध में अनेक रिपोर्टों के मद्देनजर सप्ताहांत पर देश की राजधानी की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई। बीते कुछ दिन से सुरक्षा एजेंसियों को सूचनाएं मिल रही हैं कि शपथ ग्रहण समारोह से पहले हिंसा हो सकती है।
 
हजारों पुलिसकर्मियों और सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों के साथ-साथ नेशनल गार्ड के 25,000 से अधिक जवानों को यहां तैनात किया गया है। अमेरिकी संसद भवन कैपिटल के इर्द-गिर्द के इलाके, पेनसिल्वेनिया एवेन्यू और व्हाइट हाउस के आसपास का बड़ा हिस्सा आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है तथा इन स्थानों पर 8 फुट ऊंचे अवरोधक लगा दिए गए हैं। 
पूरा शहर हाई अलर्ट पर है। वॉशिंगटन डीसी को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है, वहीं राज्यों के संसद भवनों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है तथा सुरक्षा अधिकारी 6 जनवरी को अमेरिकी संसद भवन पर हुए भीड़ के हिंसक हमले जैसी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कमर कसकर तैयार हैं ताकि सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से हो सके।
 
वॉशिंगटन डीसी के मेयर मुरियल बाउजर ने एनबीसी न्यूज को एक साक्षात्कार में बताया कि पुलिस विभाग संघीय कानून प्रवर्तन सहयोगियों और अमेरिकी सेना के साथ मिलकर काम कर रहा है। किसी भी हमले की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। एफबीआई ने अपने आंतरिक बुलेटिन में वॉशिंगटन डीसी तथा सभी 50 राज्यों के संसद भवनों में हिंसा की आशंका जताई है।
 
हिंसा के पीछे ट्रंप समर्थकों का हाथ : अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनाव प्रचार मुहिम से जुड़े लोगों की वॉशिंगटन में उस रैली को आयोजित करने में अहम भूमिका थी जिसने अमेरिकी कैपिटल में घातक हमला किया था। 'एसोसिएटिड प्रेस' द्वारा की गई रिकॉर्डों की समीक्षा में यह बात सामने आई है।
 
ट्रंप समर्थक गैरसरकारी संगठन 'विमेन फॉर अमेरिका फर्स्ट' ने व्हाइट हाउस के निकट स्थित संघ के मालिकाना हक वाली जमीन 'इलिप्स' में 6 जनवरी को 'सेव अमेरिका रैली' का आयोजन किया था, लेकिन 'नेशनल पार्क सर्विस' द्वारा दी गई मंजूरी की सूची में 6 से अधिक ऐसे लोग हैं, जो स्टाफकर्मी थे और जिन्हें ट्रंप की 2020 चुनाव प्रचार मुहिम ने कुछ ही सप्ताह पहले हजारों डॉलर का भुगतान किया था। इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान घटनास्थल पर मौजूद कई लोगों के व्हाइट हाउस के साथ निकट संबंध हैं।
चुनाव परिणाम में धांधली का आरोप लगाने वाले ट्रंप के इलिप्स में दिए भाषण और इससे पहले की टिप्पणियों के कारण कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) में हिंसा भड़की थी। इसके बाद प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया। ट्रंप अमेरिका के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनके खिलाफ दूसरी बार महाभियोग चलाया जा रहा है।
जब 'विमेन फॉर अमेरिका फर्स्ट' से पूछा गया कि इस रैली के लिए वित्तीय मदद किसने दी थी और ट्रंप की मुहिम की इसमें क्या संलिप्तता थी, तो उसने इन संदेशों का कोई जवाब नहीं दिया। इस रैली में हजारों लोग शामिल हुए थे। ट्रंप की प्रचार मुहिम ने एक बयान में कहा कि उसने 'समारोह आयोजित नहीं किया या उसे वित्तीय मदद नहीं दी' तथा मुहिम का कोई भी सदस्य रैली के आयोजन में शामिल नहीं था। बयान में कहा गया है कि यदि किसी पूर्व कर्मी या मुहिम से स्वतंत्र रूप से जुड़े किसी व्यक्ति ने रैली में भाग लिया तो उसने 'ट्रंप मुहिम के निर्देश पर ऐसा नहीं किया'।
 
मेगन पावर्स 6 जनवरी को हुए कार्यक्रम के प्रबंधकों में शामिल थी। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार वे जनवरी 2021 में ट्रंप की मुहिम से जुड़ी हुई थीं। उन्होंने इस संबंध में किए गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। एपी की समीक्षा के अनुसार रैली के लिए दी गई मंजूरी में ट्रंप की मुहिम से जुड़े कम से कम 3 ऐसे लोगों का जिक्र है जिन्होंने प्रदर्शन से स्वयं को अलग करने की कोशिश की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल लॉक कर दिए हैं या बंद कर दिए हैं और रैली संबंधी ट्वीट हटा दिए हैं।
ट्रंप के फैसले को वापस लेंगे बिडेन : अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कई मुस्लिम देशों पर लागू यात्रा प्रतिबंध को हटाए जाने की योजना बनाई है। अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस के भावी चीफ ऑफ स्टॉफ रोन क्लायन ने एक बयान में कहा है कि नया अमेरिकी प्रशासन अपने प्रारंभिक 10 दिनों के भीतर ट्रंप की ओर से लागू नीतियों को रद्द करेगा।इनमें कोविड-19 रोकथाम के प्रयास, पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते का पुन: क्रियान्वयन तथा नागरिकता हासिल करने के लिए आव्रजन कानून की अनुमति दिए जाने संबंधी नीतियां शामिल हैं।
 
हथियार के साथ इकट्टा हुए प्रदर्शनकारी : दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों के छोटे-छोटे समूह रविवार को अमेरिका के राज्यों में संसद भवनों के बाहर एकत्रित हुए जिन्हें वहां तैनात 'नेशनल गार्ड' और पुलिस के जवानों ने खदेड़ दिया। कुछ प्रदर्शनकारियों के पास हथियार भी थे। प्रदर्शनकारियों के भीड़ को खदेड़ने के बाद से ही वहां सन्नाटा छाया है और किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। अधिकतर स्थानों पर शांति बनी रही।
 
मिशिगन के एक प्रदर्शनकारी मार्टिन सेजैग ने कहा कि मैं चुनाव के नतीजों पर विश्वास नहीं करता। उन्होंने गले में एक तख्ती टांग रखी थी जिस पर लिखा था कि हम राष्ट्रपति के तौर पर जो बिडेन को स्वीकार कर लेंगे अगर आप यह साबित कर दें कि उन्होंने कानूनी तरीके से जीत हासिल की है। हमें सबूत दिखाएं। ओहायो के राज्य संसद भवन के पास करीब 20 लोग पहुंचे जिनमें से कुछ ने हाथों में बंदूकें ले रखी थीं। प्रदर्शनकारियों में से एक कैथी शरमन ने कहा कि वे राष्ट्रपति का समर्थन करती हैं लेकिन साथ ही उन्होंने खुद को कैपिटल हिल पर हमला करने वाली भीड़ से भी अलग बताया। ओरेगन और टेक्सास में भी कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया।
 
25,000 से अधिक जवान तैनात : रक्षा अधिकारियों ने बताया कि उन्हें ऐसी आशंका है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन के शपथ समारोह की सुरक्षा में तैनात कोई जवान या कोई भीतरी शख्स हमला कर सकता है जिसके बाद एफबीआई ने वॉशिंगटन आ रहे सभी जवानों पर नजर रखनी भी शुरू कर दी है। 
 
हमले के खतरे के बीच हजारों पुलिसकर्मियों और सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों के साथ-साथ 'नेशनल गार्ड' के 25,000 से अधिक जवानों को यहां तैनात किया गया है। निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के अमेरिकी संसद भवन पर 6 जनवरी को हुए हिंसक हमले के बाद से ही सुरक्षा कड़ी की गई है।
 
लेकिन अब शहर की सुरक्षा में तैनात कुछ जवानों के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति तथा नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति के लिए खतरा उत्पन्न करने का डर सताने लगा है। सैन्य मामलों के मंत्री रेयान मैककार्थी ने रविवार को बताया कि अधिकारी संभावित खतरे को लेकर सतर्क हैं और सभी कमांडर को शपथ समारोह से पहले उनकी रैंक में किसी भी तरह की समस्या पर गौर करने को कहा है। हालांकि उनका कहना है कि अभी तक किसी तरह के खतरे के कोई संकेत नहीं मिले हैं। मैककार्थी ने कहा कि वे लगातार इस प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और अभियान में तैनात सभी लोगों पर नजर रखी जा रही है।
 
कई अधिकारियों ने बताया कि डीसी में 'नेशनल गार्ड' की तैनाती का काम 1 सप्ताह से कुछ पहले शुरू किया गया था और यह बुधवार तक पूरा हो जाएगा। मैककार्थी ने कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है और अभियान से जुड़े सभी पुरुषों और महिलाओं पर पूरी नजर रखने के लिए हमें सभी तंत्रों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। (भाषा/वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इनॉग्रेशन डे : शपथ के बाद मिलेगा जो बाइडेन को POTUS, आखिर क्या है यह...