अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बिडेन ने 1.9 लाख करोड़ डॉलर की योजना पेश की है। इसे वैक्सीन के प्रसार और महामारी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को राहत देने में खर्च किया जाएगा।
इस योजना को 'अमेरिकन रेस्क्यू प्लान' कहा जा रहा है। जो बिडेन ने अपने 100 दिन के कार्यकाल में 10 कोरड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य तय किया है और यह प्रस्ताव उसे पूरा करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। इसके सात ही वसंत का मौसम आने तक अमेरिका के सारे स्कूलों को खोलने की दिशा में भी अहम प्रगति इसी योजना का हिस्सा है।
इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने के लिए दूसरे दौर की मदद और स्वास्थ्य सेवाओं को महामारी से जूझने में ज्यादा सक्षम बनाना भी योजना में शामिल है। बिडेन ने गुरुवार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि इस वक्त इसके लिए काम करना न सिर्फ आर्थिक रूप से अनिवार्यता है बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी योजना पर अमल 'इतना आसन नहीं होगा।
बिडेन ने ज्यादातर अमेरिकी लोगों को 1400 डॉलर का चेक देने का प्रस्ताव रखा है। यह हाल ही में प्रस्तावित 600 डॉलर के चेक से अलग होगा यानी कुल मिला कर लोगों को 2000 डॉलर की रकम मिलेगी जिसकी मांग बिडेन कर रहे हैं। इसके साथ ही बेरोजगारी भत्ते को तात्कालिक रूप से थोड़ा बढ़ाया जाएगा। साथ ही नौकरी से हटाने और प्रतिष्ठानों को समय से पहले बंद करने पर लगी रोक सितंबर तक के लिए बढ़ाई जाएगी। दिसंबर में प्रस्तावित डेमोक्रेटिक नीति में सुझाए रास्तों पर चलते हुए देश में न्यूनतम मजदूरी 15 डॉलर प्रति घंटे की जा रही है और साथ ही कामगारों के लिए वेतन सही छुट्टी की संख्या और बच्चों वाले परिवारों के लिए टैक्स में छूट भी बढ़ेगी। महिलाओं के लिए काम पर जाना आसान होगा जिससे अर्थव्यवस्था के सुधार में मदद मिलेगी।
संसद से पास कराने की कवायद
आर्थिक रूप से लुभावना दिख रहा प्रस्ताव राजनीतिक रूप से कैसे आगे बढ़ेगा फिलहाल यह साफ नहीं है। संयुक्त बयान में संसद के निचले सदन की स्पीकर नैन्सी पेलोसी और सीनेट में डेमोक्रेटिक नेता चक शुमर ने बिडेन की उदार प्राथमिकताओं के लिए तारीफ की है। उन्होंने यह भी कहा है कि वे अगले बुधवार को बिडेन के शपथ ग्रहण के बाद संसद में इसे तेजी से पास कराने के लिए काम करेंगे।
हालांकि संसद के दोनों सदनों में डेमोक्रेटिक पार्टी के पास मामूली बढ़त है और रिपब्लिकन पार्टी कई मुद्दों पर उन्हें घेरने की कोशिश करेगी। इनमें न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने से लेकर राज्यों को ज्यादा धन देने जैसे मुद्दे हैं। इसके साथ ही इसमें व्यापार को दायित्व से मिलने वाली सुरक्षा को बढ़ाने जैसी उनकी प्राथमिकताओं को शामिल कराना भी होगा।
टेक्सास के रिपब्लिकन सीनेटर जॉन कॉर्निन ने ट्वीट किया है कि याद रखिए कि दोनों दलों ने 900 अरब डॉलर के राहत बिल को महज 18 दिन पहले ही कानून के रूप में पारित किया है। हालांकि बिडेन का कहना है कि वह केवल शुरुआती भुगतान था। इसके साथ ही बिडेन ने अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई और बड़े उपायों का अगले महीने एलान करने का वादा किया है। बिडेन का कहना है कि गंभीर मानवीय संकट साफ तौर पर दिख रहा है और बर्बाद करने के लिए वक्त नहीं है। हमें काम करना है और तुरंत काम करना है। बिडेन लोगों को भरोसा दिला रहे हैं कि वे उनकी उम्मीदें पूरी करने में सफल होंगे। इसके साथ ही उनका यह भी कहना है कि इन सारे कदमों के बावजूद वक्त लगेगा।
पैसा कहां से आएगा?
जो बिडेन के राहत बिल के लिए पैसा कर्ज लेकर दिया जाएगा। महामारी का सामना करने के उपायों के कारण सरकार पर पहले से ही हजारों अरब डॉलर का कर्ज चढ़ चुका है। बिडेन के सहयोगियों का कहना है कि अतिरिक्त खर्चों और कर्ज के जरिए वे अर्थव्यवस्था को गहरे दलदल में उतरने से बचा लेंगे। कर्ज पर ब्याज की दर कम है इसलिए उसका बोझ संभाला जा सकता है। बिडेन लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि अर्थव्यवस्था का उपचार बहुत जटिल रूप में कोरोना वायरस पर नियंत्रण से जुड़ा है।
उनकी यह सोच अमेरिका के सबसे मजबूत व्यापार संघ यूएस चेम्बर ऑफ कॉमर्स की सोच से मेल खाती है जो पारंपरिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी की विरोधी रही है। गुरुवार को चेम्बर की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'हमारी अर्थव्यवस्था को बहाल करने से पहले हमें निश्चित रूप से कोविड को हटाना होगा और इसके लिए टीकाकरण के काम को बहुत तेजी से लागू करना होगा। चेम्बर ने बिडेन के बयान का स्वागत किया है। हालांकि इस पर समर्थन की मुहर नहीं लगाई है।
कहां खर्च होगा पैसा?
बिडेन ने योजना ऐसे वक्त में पेश की है जब विभाजित देश कोरोना संकट के भयानक दौर से गुजर रहा है। अब तक अमेरिका में कोविड की चपेट में आ कर 3,85,000 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। गुरुवार को सरकार के आंकड़ों में बताया गया कि इस सप्ताह बेरोजगारी भत्ता मांगने वालों की संख्या में 9,65,000 का इजाफा हुआ। यह संख्या बता रही है कि संक्रमण में तेजी आ रही है और ऐसे में व्यापारी लोगों की नौकरी से छुट्टी कर रहे हैं। बिडेन की योजना में 400 अरब डॉलर की रकम सीधे कोविड से लड़ने में जाएगी जबकि बाकी पैसा राज्यों और स्थानीय प्रशासन को मदद देने और आर्थिक राहत के उपायों में खर्च होंगे।
कोविड के लिए खर्च होने वाले पैसे में करीब 20 अरब डॉलर की रकम तो केवल टीकाकरण को ज्यादा मजबूती से फैलाने पर खर्च होगी। इनमें से 8 अरब डॉलर की रकम के लिए संसद पहले ही मंजूरी दे चुकी है। बिडेन ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण के केंद्र खोलने की योजना बनाई है। साथ ही दूरदराज के इलाकों के लिए मोबाइल टीकाकरण केंद्र बनाए जाएंगे। अमेरिका में अब तक वैक्सीन की 3 करोड़ डोज पहुंच चुकी हैं। देश के 1.1 करोड़ लोगों को वैक्सीन की 2 में से 1 डोज दी जा चुकी है। योजना में एक बड़ी रकम टेस्ट की सुविधा बढ़ाने पर भी खर्च होगी।