सैकड़ों बार हत्या की कोशिशों से भी नहीं मरे फिदेल कास्त्रो

Webdunia
मंगलवार, 29 नवंबर 2016 (14:11 IST)
क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का 90 साल की उम्र में बीते शनिवार को निधन हो गया है।  क्यूबा में कम्युनिस्ट क्रांति के जनक के तौर पर मशहूर फिदेल अपने जीवन में सुरक्षा के इतने चाक  चौबंद व्यवस्था के बीच रहा करते थे कि उनके बारे में बाहर की दुनिया को बहुत बातें पता ही नहीं  चल पाती थीं या फिर काफी लंबे समय बाद ही लोगों को मालूम होता था। हमेशा ही सैनिक वेशभूषा  में रहने वाले फिदेल ने एक लम्बे समय तक क्यूबा पर शासन किया। खुफिया सूत्रों के अनुसार  अमेरिका के कट्‍टर दुश्मन फिदेल अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए, उनकी पत्नियों, माफिया सरदारों,  रखैलों ने उनकी हत्या की 638 कोशिशें कीं लेकिन अपने जीते जी अमेरिकी फिदेल कास्त्रो को नहीं मार सके।  
 
फिदेल क्यूबा गणराज्य के 1959 से 1976 तक प्रधानमंत्री और इसके बाद 1976 से लेकर  2008 तक राष्ट्रपति रहे थे। वे 1961 से लेकर 1983 और इसके बाद 2006 से लेकर 2008  तक गुट‍ निरपेक्ष आंदोलन के महासचिव भी रहे। वर्ष 1961 से 2011 तक वे कम्युनिस्ट पार्टी  ऑफ क्यूबा के फर्स्ट सेक्रेटरी भी रहे। सिगार पीने के शौकीन फिदेल के सिगार को जहरीला बनाया  गया, उनके सिगारों में विस्फोट हुए, सिरिजों में एलएसडी, जहरीले पदार्थ और अन्य तरीकों से उन्हें  मारने की कोशिश की गई थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने उन्हें मारने के लिए बहुत सारे  तरीके अपनाए थे।  
 
* फिदेल के अनगिनत महिलाओं से संबंध थे जिनमें से एक मारिता लॉरेंज नाम की महिला भी थी  जिसने सीआईए से सौदा किया था कि वह कास्त्रो को जहर भरे कैप्सूल खिला देगी।
 
* जहरीला गीला सूट : वर्ष 1975 में बे ऑफ पिग इनवेजन में डाइविंग की गीली वेशभूषा पहनने  को दी गई थी जिसमें ऐसे जीवाणु और वैक्टीरिया लगा दिए गए थे ताकि उनका जहरीला असर  उनकी त्वचा पर हो जिससे वे मर जाएं। वे खाड़ी में कैदियों को छुड़ाने के लिए गए थे और इस  अमेरिकी योजना में एक वकील जेम्स बी. डोनोवन भी शामिल था। 
 
* उन्हें मारने के लिए एक बालपाइंट हाइपोडर्मिक सिरिंग का इस्तेमाल किया गया था जोकि एक  साधारण सा पेन दिखाई पड़ती थी। हाइपोडर्मिक नीडल सुई को चुभोकर उनके शरीर में घातक जहर  डालने की योजना थी। 
 
* सिगार में विस्फोट: यह कोई साधारण उपाय नहीं था वरन सिगार में विस्फोटक भरा गया था  ताकि कास्त्रो का सिर उड़ जाए।
 
* जहरीला या टीएनटी से भरा सिगार से उन्हें मारने की कोशिश की गई थी। सीआईए ने उन्हें ऐसा  सिगार भी पीने के लिए देने की व्यवस्था की थी जिसमें बोटुलिन नाम का जहर भरा था जोकि थोड़ी  ही देर में एक आदमी को मारने के लिए पर्याप्त था। 
 
* एक बार विस्फोटकों से भरे शंख के जरिए उनकी हत्या करने की कोशिश की गई थी। सीआईए  को पता था कि उन्हें स्कूबा डाइविंग बहुत पसंद है। इसलिए उनकी पसंद की जगह पर विस्फोटकों  से भर शंख रखा गया था। साथ ही, इसे इतना आकर्षक बनाया गया था कि कास्त्रो इसकी ओर स्वत:  ही आकर्षित हों। जैसे ही वे यह शंख उठाते, इसमें विस्फोट होता और उनकी मौत हो जाती।
 
* एक बार उन्हें मारने की बजाय बदनाम करने की साजिश की गई थी। एक रेडियो स्टेशन पर  उन्हें सीधे प्रसारण में अपनी बात कहनी थी। उस माइक में ऐसे हल्के स्प्रे की व्यवस्था की गई थी  जिसका प्रभाव एलएसडी के नशे जैसा था। जब वे माइक के सामने कुछ बोलते तो क्यूबा के लोगों  को उनकी बातें सुनकर लगता कि वे पागल हो गए हों। इस तरह वे कास्त्रो की बातों पर भरोसा ही  नहीं करते।      
 
* सीआईए उन्हें घातक विषाणुओं, जहरों आदि से मारने को लेकर योजनाएं बनाती थी। एक बार  उन्हें विषाणुओं से भरा एक रुमाल दिया गया था ताकि इनके जहर से वे बहुत बीमार पड़ जाएं। 
 
* एक बार वर्ष 1963 में उनको जहरीला पेय पिलाकर मारने की योजना बनाई गई थी। पर जिस  गोली को इस पेय में मिलाई जानी थी वह वेटर की लापरवाही से खुल गई और इसका इस्तेमाल नहीं  किया जा सका।
 
* एक बार बॉलपाइंट पेन में भर एक घातक जहर ब्लैकलीफ-40 से उन्हें मारने की कोशिश की  गई थी। कई बार उन्हें अपराधी गिरोहों की तरह से गोलियों से उड़ाने का प्रयास किया गया था। एक  बार वे क्यूबा में अर्नेस्ट हेंमिग्वे म्युजियम देखने गए थे तो उन्हें विस्फोट से उड़ाने की योजना थी।
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