रोम। इटली में चल रहे जी20 शिखर (G20 Summit) के मंच पर भारत ने जलवायु परिवर्तन कम करने के सुझावों को जोरदार तरीके से रखा। सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत इस शिखर सम्मेलन में भारत अन्य विकासशील देशों के साथ जलवायु (Climate) और ऊर्जा विशिष्ट के लक्ष्यों को पाने के लिए क्या एक्शन लिया जाए इस मुद्दे पर भाषा के महत्व को समझाने में सफल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार जी20 देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रति अपने दायित्वों पर सक्रिय होकर काम करने के लिए कहा गया है।
घोषणा पत्र जारी : जी-20 समूह के सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं ने घोषणा-पत्र जारी करके कोविड-19 से निपटने के प्रयासों के लिए स्वास्थ्य सेवा एवं अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों एवं वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया।
साथ ही घोषणापत्र में कहा गया है कि भारत समेत जी20 देश 2030 तक जैवविविधता ह्रास को रोकने और क्षतिपूर्ति की कार्रवाइयों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अनुसार ये देश जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए तथा ग्लासगो में हो रहे सीओपी26 सम्मेलन को सफल बनाने के लिए काम करने को प्रतिबद्ध हैं।
महामारी के लिए आम प्रतिक्रिया को मजबूत करने तथा सबसे संवेदनशील लोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए वैश्विक सुधार का मार्ग प्रशस्त करने पर सहमति जताते हुए घोषणापत्र में कहा गया कि महामारी के खिलाफ सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधनों में टीके शामिल हैं और व्यापक कोविड-19 टीकाकरण वैश्विक रूप से जनता की भलाई के लिए है।
जी-20 नेताओं ने 2021 के अंत तक कम से कम 40% तथा 2022 के मध्य तक 70% आबादी के टीकाकरण के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों पर सहमति जताई। उन्होंने घोषणा में कहा कि सदस्य देश सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पर्याप्त पोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें कोई नहीं छूटे।
जी-20 देशों ने यह घोषणा भी की कि वे सुरक्षित और क्रमबद्ध तरीके से अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू करने के लिए प्रयास करने पर सहमत हुए हैं।
मेजबान की अदला-बदली : इटली की राजधानी रोम में आयोजित जी-20 का शिखर सम्मेलन रविवार को संपन्न हो गया। इस मौके पर दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने कहा कि उन्हें 2022 में इंडोनेशिया और 2023 में भारत में होने वाले सम्मेलन का इंतजार रहेगा। वहीं नई दिल्ली ने जोर दिया कि वह विकासशील देशों की आवाज का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेगा और मानवता के हितों की रक्षा करेगा।
रोम घोषणा पत्र में जी-20 नेताओं ने कहा कि वे बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक 2022 के आगे देख रहे हैं, जो दुनियाभर के खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा का अवसर प्रदान करेगा और जो मानवता के लचीलेपन का प्रतीक है।
जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत के शेरपा पीयूष गोयल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भारत विकासशील देशों की आवाज का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेगा और मानवता के हितों कर रक्षा करेगा।
जानकारी के मुताबिक भारत और इंडोनेशिया के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की अदला-बदली हुई है और अब इंडोनेशिया 2022 में और भारत 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।