हाफिज सईद की नई चाल, लश्कर से जमात-उद-दावा और अब तहरीक-ए-आजादी जम्मू-कश्मीर

Webdunia
रविवार, 5 फ़रवरी 2017 (09:04 IST)
मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दवा और उसके साथ ही काम करने वाले फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन ने मिलकर अपना नाम बदल लिया है और ये नाम है तहरीक-ए-आजादी जम्मू और कश्मीर। दावा ने अपने प्रमुख सईद को नजरबंद किए जाने और संगठन की गतिविधियों पर कार्रवाई शुरू किए जाने के कुछ दिन बाद यह कदम उठाया।
मुंबई अतंकी हमले के मास्टरमाइंड सईद ने अपनी नजरबंदी से करीब एक हफ्ते पहले संकेत दिए थे कि वह 'कश्मीर की आजादी की मुहिम तेज करने' के लिए 'तहरीक-आजादी-जम्मू-कश्मीर' शुरू कर सकता है। इसका साफ मतलब है कि जमात-उद-दावा को पहले ही पता लग गया था कि उस पर प्रतिबंध लगने वाला है। इससे पता लगता है कि सईद को सरकार की योजना की भनक थी। उसने पहले ही तय कर लिया था कि जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) पर कार्रवाई के बाद दोबारा कैसे सामने आना है और किस तरह संगठन को बनाए रखना है।
 
जमात-उद-दावा आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का चेहरा था। लश्कर ही वो ग्रुप है जिसने 2008 में मुंबई में हमला किया था। हाफिज सईद ने ही 90 के दशक में लश्कर बनाया था। पर बाद में खुद को उससे दूर कर लिया। फिर संगठन का नाम ही बदल लिया। अमेरिका ने हाफिज पर 60 करोड़ रुपये का इनाम रखा है।
 
आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि टीएजेके के नए नाम के तहत दो संगठनों ने गतिविधियां शुरू कर दी हैं। वे पांच फरवरी को कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बना रहे हैं जिसे पाकिस्तान में 'कश्मीर दिवस' के रूप में मनाया जाता है। लाहौर और दूसरे शहरों में टीएजेके के बैनर प्रदर्शित किए गए।
 
समूह शाम की नमाज के बाद लाहौर में कश्मीर पर एक सम्मेलन आयोजित करने की भी योजना बना रहा है। टीएजेके ने लाहौर सहित पंजाब के विभिन्न जिलों में दान केंद्रों एवं एंबुलेंस सेवा की दोबारा शुरूआत कर दी है। लाहौर इस समूह की गतिविधियों का केंद्र है।
 
स्थानीय मीडिया के अनुसार समूह की गतिविधियों पर कार्रवाई के बावजूद सईद के नेटवर्क के आतंकवादियों ने एक बचाव अभियान में सक्रियता से हिस्सा लिया। पंजाब के ननकाना साहिब शहर के पास रावी नदी में करीब 100 यात्रियों से भरी एक नाव के पलटने के बाद बचाव अभियान चलाया गया था।
 
पुलिस अधिकारी ने कहा कि विधि प्रवर्तन एजेंसियां सईद के नेटवर्क की गतिविधियों पर करीब से नजर रख रही हैं और उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, 'यह एक संवेदनशील मुद्दा है और देश के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने और सईद के समर्थकों के विरोध-प्रदर्शन के कारण पैदा होने वाले किसी भी तरह की संभावित स्थिति से निपटने के लिए संयत प्रतिक्रिया जरूरी है।' (एजेंसी)
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