मॉस्को। रूस में हुई इस घटना ने जहां एक तरफ पूरी दुनिया के होश उड़ा रखे थे। इस मामले में पुलिस का कहना है कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने ये हाथ अज्ञात शवों से अलग किए थे। पुलिस का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि बाद में शव की पहचान किए जाने पर फिंगरप्रिंट्स को सुरक्षित रखा जा सके।
लेकिन इन अवशेषों को फॉरेंसिक लैब कर्मियों ने एक थैले में भरकर फेंक दिया था जोकि बाद में नदी किनारे एक मछुआरे को यह बैग मिला जिसमें से 54 हथेलियां पाई गई थीं। पूर्वी रूस की जमी हुई आमूर नदी के किनारे एक लावारिस बैग मिलने से दुनिया भर में तब सनसनी मच गई, जब उसे खोलने पर कुछ ऐसा मिला जिसका किसी को अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि थैले में कुछ ऐसा होगा।
दरअसल साइबेरिया इलाके में स्थित खाबरोव्स्क शहर से सटी, आमूर नदी के किनारे एक मछुआरे को एक लावारिस बैग मिला था। जब उसने उस बैग को खोलकर देखा तो उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ क्योंकि उस बैग में 54 कटे हुए इंसानी हाथ रखे थे। आठ मार्च को साइबेरियन टाइम्स में इस आशय का सचित्र समाचार भी प्रकाशित हुआ था।
बाद में, पुलिस रिपोर्ट्स में कहा गया था कि जिस नदी के किनारे ये कटे हाथों से भरा बैग मिला है, वह एक प्रसिद्ध फिशिंग स्पॉट है जहां लोग अक्सर मछलियां पकड़ने के लिए जाते हैं। नदी या आसपास के इलाके से ऐसी किसी भी घटना के सबूत नहीं मिले थे जोकि इस पहेली को सुलझा सके। बाद में पुलिस ने इन कटे हुए हाथों को लेकर जांच की और पाया कि इस थैले को फॉरेंसिक लैब के कर्मियों ने नदी किनारे फेंक दिया था। पुलिस ने कहा कि यह किसी आपराधिक साजिश का हिस्सा नहीं है।