अब जुड़ जाएगा आदमी का कटा सिर

Webdunia
शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015 (13:02 IST)
आपने किसी व्यक्ति का सिर धड़ से जोड़ने की बात जरूर किस्सों और कहानियों में सुनी होगी। साथ ही आपने भगवान गणेश के सिर के बारे में भी सुना होगा जिसमें उनके सिर के कट जाने से एक हांथी के बच्चे का सिर उन पर लगया गया था।  
विज्ञान के चमत्कार के साथ दावा किया जा रहा है कि अब ऐसा वास्तव में हो पाएगा। इटली के सर्जन डॉ. सर्गियो कैनवेरो ने ऑपरेशन के जरिए एक व्यक्ति का सिर दूसरे के धड़ से जोड़ने का दावा किया है। उनके मुताबिक विज्ञान में इस तरह की तकनीक मौजूद है।

अगर उनका यह दावा सही साबित हुआ तो, रूसी कंप्यूटर वैज्ञानिक वलेरी स्पिरिदोनोव दुनिया के ऐसे पहले शख्स बन जाएंगे, जिनका सिर दूसरे व्यक्ति के शरीर पर लगाया जाएगा। वह मांसपेशियों से जुड़ी एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी से जूझ रहे हैं और इस ऑपरेशन की इच्छा जताई है।
 
जन्म से ही मांसपेशियों से जुड़ी दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी 'वर्डनिग-हॉफमैन' से जूझ रहे स्पिरिदोनोव ने कहा, 'मेरा फैसला आखिरी है और मैं अपना फैसला नहीं बदलने वाला।' हालांकि उन्होंने यह जरूर माना कि वह डरे हुए हैं, लेकिन यह भी कहा कि उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं है।
 
डॉ. कैनवेरा स्पिरिदोनोव को एक नया शरीर देने के लिए उनका ऑपरेशन करने पर राज़ी हो गए हैं। इसमें उनका उनका सर धड़ से अलग कर दूसरे शख्स के शरीर में लगाया जाएगा। स्पिरिदोनोव के सिर के लिए एक ब्रेनडेड शख्स के शरीर का उपयोग किया जाएगा। इस ऑपरेशन को अंजाम देने में 36 घंटे लगेंगे और इसका खर्च करीब 69 करोड़ रुपए आएगा।
 
इस ऑपरेशन के लिए दोनों धड़ों को एक बेहद तेज ब्लेड से एकसाथ सफाई के साथ अलग किया जाएगा। इसके बाद डॉ. सेर्जियो के मुताबिक रीढ़ की हड्डी को एक 'चमत्कारिक पदार्थ' से चिपकाया जाएगा।

सिर और शरीर की मांसपेशियों को आपस में सिला जाएगा और चार हफ्तों के लिए मरीज को कोमा में भेज दिया जाएगा। इस दौरान सिर और शरीर को बिल्कुल हिलने नहीं दिया जाएगा। मरीज के अपने चेहरे को महसूस करने और उसकी आवाज पहले की तरह होने पर उसे कोमा से जगाया जाएगा। मरीज का शरीर उसके सिर को अस्वीकार न कर दे, इसके लिए उसे काफी ताकतवर दवाइयां दी जाएंगी।
 
गौरतलब है कि वैज्ञानिकों ने 45 साल पहले एक बंदर का सिर दूसरे बंदर के धड़ पर लगाया गया था और हाल ही में चीन में एक चूहे के साथ ऐसा ऑपरेशन किया था। वह बंदर सर्जरी के आठ दिन बाद मर गया था, क्योंकि उसके नए शरीर ने सिर को स्वीकार नहीं किया था। बंदर खुद से सांस भी नहीं ले पा रहा था और उसकी रीढ़ की हड्डी ठीक से नहीं जुड़ सकी थी।
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