क्या है इजराइल की यूनिट-8200 जिसने लेबनान में बिछा दीं लाशें ही लाशें?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 19 सितम्बर 2024 (08:20 IST)
Hezbollah Pager Attack : लेबनान में हुए पेजर अटैक की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। यहां तक कि हिजबुल्‍लाह भी सकते में है। कैसे एक छोटे से पेजर ने बम की तरह कई लोगों की जानें ले लीं। इस घटना से तकनीक की दुनिया में काम करने वाले भी हैरान है।

दरअसल हमास और इजरायल के युद्ध के बीच इस घटना को इजरायल के अलावा कोई दूसरा देश इसे अंजाम दे सकता, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। बता दें कि इजरायल ही वो देश है जो अपने दुश्मनों को खाक में मिला देने तक दम नहीं लेता।

आखिर कौन है पेजर ब्लास्ट के पीछे। दरअसल न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक इजरायल की खुफिया साइबर शाखा ‘यूनिट 8200’ ने इन हमलों को अंजाम दिया है। यह एजेंसी इजरायल की खुफिया एजेंसी मौसाद से अलग है।

यूनिट-8200 यहीं नहीं रुकी। लेबनान में पेजर अटैक के अगले ही दिन इजरायल की इस एजेंसी ने हिजबुल्‍लाह पर वॉकी-टाकी अटैक को हंजाम दिया। इन हमलों में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 300 से ज्‍यादा घायल हो गए। पेजर अटैक में भी अब तक 12 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। माना जा रहा था कि मोसाद ने इस हमलों को अंजाम दिया है लेकिन न्‍यूज एजेंसी ने अपने वेस्‍टर्न सोर्स के हवाले से बताया कि इजरायल की साइबर वॉर से निपटने वाली एजेंसी ‘यूनिट-8200’ हिजबुल्‍लाह पर यह हमले करवा रही है। बता दें कि आधिकारिक तौर पर इजरायल ने इन हमलों की जिम्‍मेदारी नहीं ली है।

कब बना पेजर अटैक प्लान : बता दें कि इरान में हमास के टॉप लीडर इस्‍माइल हानिया को मौत के घाट उतारने के बाद भी इजरायल ने इसकी जिम्‍मेदारी नहीं ली थी। रिपोर्ट में बताया गया कि पहले मोसाद ने हिजबुल्लाह द्वारा ऑर्डर किए गए 5,000 पेजर के अंदर विस्फोटकों की एक छोटी मात्रा को एक ऑपरेशन के तहत फिट करवाया था। फिर इजरायल की साइबर एजेंसी ‘यूनिट 8200’ ने इन हमलों को अंजाम दिया। यह एजेंसी एक सैन्य इकाई है, जो जासूसी एजेंसी का हिस्सा नहीं है। बताया गया कि हिजबुल्लाह के खिलाफ इस ऑपरेशन में एक साल से ज्‍यादा का वक्‍त लगा।

किसे रिपोर्ट करती है यूनिट-8200 : रिपोर्ट में दावा किया गया कि ‘यूनिट 8200’ सीधे इजरायल के पीएम कार्यालय को रिपोर्ट करती है। इसका मोसाद के साथ क्‍लोस कॉर्डिनेशन होता है। पेजर धमाकों को अंजाम देने से पहले इसे लेकर जमकर टेस्‍ट किए। इस बात पर विचार किया गया कि पेजर के अंदर विस्‍फोटक को कैसे फिट किया जा सकता है। बाद में इजरायल में ही विस्‍फोट के संबंध में कई ट्रायल किए गए। 
Edited By: Navin Rangiyal
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