वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दावेदारों में डेमोक्रेटों में सबसे आगे चल रहीं हिलेरी क्लिंटन ने वायदा किया है कि यदि वह राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो वह युद्धग्रस्त इराक या सीरिया में अमेरिकी सैनिकों को नहीं भेजेंगी।
उन्होंने कहा कि इन जगहों पर अमेरिकी सैनिकों को भेजना एक भयावह गलती होगा। लेकिन उन्होंने अमेरिकी लड़ाकू बलों की विदेशों में तैनाती पर कोई समग्र बयान देने से इनकार किया।
हिलेरी ने कहा, 'मैं अमेरिकी लड़ाकू बलों को इराक या सीरिया नहीं भेजूंगी। यह एक भयावह गलती होगी। सीएनएन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान हिलेरी ने न्यू हैम्पशाइर के दर्शकों से कहा कि अमेरिका हालांकि देश के समक्ष खतरों को देखते हुए विशेष बलों का इस्तेमाल करना जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि आतंकी संगठनों का नेटवर्क- सिर्फ आईएसआईएस ही नहीं, बल्कि अन्य भी इस दुर्भाग्यपण्रूा नेटवर्क का हिस्सा हैं जो उत्तर अफ्रीका से दक्षिण एशिया तक फैला हुआ है..मित्रों, सहयोगियों, साझेदारों और हमारे लिए भी एक गंभीर खतरा है।
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि हमें अपने देश को सुरक्षित रखना है और आईएसआईएस को हराने, उस आतंकी खतरे के खात्मे के लिए शेष दुनिया के साथ काम करना है। विदेशों में सैनिकों की तैनाती को लेकर दर्शकों से आए सवाल के जवाब में हिलेरी ने कहा कि वह समग्र बयान नहीं दे सकतीं। (भाषा)