ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते हिमालय हिमनद के पिघलने की चेतावनी

Webdunia
सोमवार, 4 फ़रवरी 2019 (22:26 IST)
काठमांडू। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि वैश्विक उत्सर्जन नहीं घटता है तो दुनिया का तीसरा ध्रुव समझे जाने वाले हिमालय हिमनद का दो-तिहाई हिस्सा वर्ष 2100 तक पिघल सकता है।

सोमवार को जारी 'हिन्दूकुश हिमालय एसेसमेंट' नामक इस नए अध्ययन के अनुसार यदि ग्लोबल वॉर्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने वाला पेरिस संधि लक्ष्य हासिल हो जाता है तो भी एक तिहाई हिमनद पिघलेगा ही।
 
रिपोर्ट के मुताबिक हिन्दू-कुश हिमालय (एनकेएच) क्षेत्र के हिमनद इन पहाड़ों में 25 करोड़ लोगों तथा नदी घाटियों में रहने वाले 1.65 अरब अन्य लोगों के लिए अहम जलस्रोत हैं। ये हिमनद गंगा, सिंधु, येलो, मेकोंग समेत दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण 10 नदियों में जलापूर्ति करते हैं तथा अरबों लोगों के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भोजन, ऊर्जा, स्वच्छ वायु और आय का आधार प्रदान करते हैं।
 
अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि उनके पिघलने का लोगों पर प्रभाव वायु प्रदूषण के बिलकुल बिगड़ जाने से लेकर प्रतिकूल मौसम के रूप में हो सकता है।

मानसून से पहले नदियों में निम्न प्रवाह से शहरी जल व्यवस्था, खाद्य एवं ऊर्जा उत्पादन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। नई रिपोर्ट काठमांडू के इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट इन नेपाल द्वारा प्रकाशित हुई है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

कहां हैं पंचेन लामा? तिब्बतियों ने मांगी भारत से मदद

राजीव गांधी ने क्यों खत्म किया था विरासत टैक्स? BJP- कांग्रेस में घमासान जारी

स्त्री धन का उपयोग कर सकता है पति, सुप्रीम कोर्ट का आदेश, लेकिन

भाजपा में शामिल हुए मनीष कश्यप, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

मोदी ने साधा कांग्रेस और सपा पर निशाना, कहा- OBC का हक छीन रहीं दोनों पार्टियां

छत पर रखी पानी की टंकी से आ रहा है गर्म पानी तो अपनाएं ये 5 आसान तरीके

प. बंगाल के मयना में BJP कार्यकर्ता की संदिग्ध मौत, परिवार ने लगाया TMC पर आरोप

राहुल गांधी का दावा, मंच पर रो सकते हैं मोदी

धीरेंद्र शास्‍त्री के भाई ने फिर किया हंगामा, टोल कर्मचारियों को पीटा

Live : ‍दमोह में शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन ने किया मतदान, त्रिपुरा में सबसे ज्यादा वोटिंग

अगला लेख