बांग्लादेश में विधवा हिंदू महिलाओं की मदद के लिए हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि विधवा हिंदू महिलाएं अपने दिवंगत पति के सारी प्रॉपर्टी में हिस्सा लेने की हकदार हैं।
विधवा हिंदू महिलाएं अब दिवंगत पति की सारी प्रॉपर्टी में हिस्सा लेने की हकदार
इससे पहले हिंदू महिलाएं केवल अपने पति की वास भूमि में ही हकदार थीं
बांग्लादेश हाईकोर्ट ने विधवा हिंदू महिलाओं के लिए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। फैसले के मुताबिक विधवा हिंदू महिलाएं अब अपने दिवंगत पति की सारी प्रॉपर्टी में हिस्सा लेने की हकदार होगी। इससे पहले हिंदू महिलाएं केवल अपने पति की वास भूमि में ही हकदार थीं।
न्यायमूर्ति मिफ्ताहउद्दीन चौधरी की पीठ ने बुधवार को यह फैसला सुनाया और 2004 के लोअरकोर्ट के फैसले की पुष्टि कर दी। लोअरकोर्ट ने अपने फैसले में व्यवस्था दी थी कि विधवा महिलाओं की अपने पति की सारी संपत्ति में हिस्सा है।
उधर, बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई ओइक्या परिषद के महासचिव राणा दास गुप्ता ने हाई कोर्ट के इस फैसले की प्रशंसा की है।
राणा दास गुप्ता ने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला है और इससे असहायम हिंदू विधवा महिलाओं के हितों की सुरक्षा होगी। बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं को हिंदू महिला अधिकार संपत्ति कानून 1937 के तहत अधिकार मिला है। इसके तहत अब तक हिंदू महिलाओं को अपने पति की सारी प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं मिलता था।