पाकिस्तानी डाकुओं का हनीट्रैप और अपहरण का कारोबार

डॉ.ब्रह्मदीप अलूने
सोमवार, 17 जुलाई 2023 (12:37 IST)
पाकिस्तान में डकैत समस्या आम है और यह संगठित गिरोह की तरह कार्य करता है। इन दिनों पाकिस्तान में डाकूओं के द्वारा अपहरण कर फिरौती की मांग को लेकर अधिकारी और व्यापारी भयभीत है। पाकिस्तान की पुलिस,तमाम कोशिशों के बाद भी इससे निपटने में कामयाब नहीं हो पा रही है। पाकिस्तान के सिंध सूबे से पिछले  कुछ महीनों में करीब ढाई सौ लोगों को अगवा किया गया है। सिंध कोर्ट ने बाकायदा यह पुष्टि की है कि पाकिस्तान में अपहरण का सालाना कारोबार करीब दो अरब रुपए का है।  पंजाब और सिंध का सरहदी जिला  घोटकी इसका केंद्र है।  यहां हिन्दुओं की अच्छी खासी आबादी रहती है और प्रसिद्ध सचो सतराम दास मंदिर यही  स्थित है। 

घोटकी,खजूर पेड़ों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्द है और इसे नदी का इलाका माना जाता है। पिछले दिनों पंजाब और सिंध की हुकूमतें इन इलाकों में डकैतों के खिलाफ ऑपरेशन कर रही है। सिंध की कैबिनेट ने घोटकी,शिकारपुर और सुक्कुर जिलों के नदी क्षेत्रों में अपहरण और पुलिस बलों पर हमलों से निपटने के लिए  करीब पौने तीन अरब रुपये के सैन्य-ग्रेड हथियारों और निगरानी प्रणालियों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

घोटकी,सुक्कुर,शिकारपुर और काशमोर भौगोलिक रूप से कठिन इलाके है और यहां डाकूओं ने सुरक्षित पनाहगाह बना ली है। समस्या इतनी गम्भीर है की पुलिस यहां ड्रोन से चौकसी  करने लगी है। इन इलाकों में पुलिस के मुकाबलें डाकुओं के पास एंटी एयर क्राफ्ट गन और अत्याधुनिक हथियार होते है। लिहाजा पुलिस डाकुओं से निपटने में बूरी तरह नाकामयाब हो रही है। पिछले साल डाकुओं के द्वारा अपहृत तीन लोगों को छुड़ाने की कोशिशों में जुटी एक पुलिस टीम पर डकैतों ने हमला कर डीएसपी और दो एसएचओ सहित पांच पुलिस  अधिकारियों को मार डाला था। घटना के बाद,डाकुओं ने कच्चा इलाके में इसका जश्न मनाते हुए अलग-अलग वीडियो जारी किए थे। अब पुलिस ने पाकिस्तान की सेना का सहयोग लेने का फैसला किया है। कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए हिंदू समुदाय के  करीब ढाई सौ परिवार सिंध के अशांत इलाकों से पलायन कर चुके हैं।

डकैत बेहद चतुराई से लोगों को निशाना बनाते है। सबसे पहले वे अपना टारगेट तय करते है,फिर लड़कियों की आवाज में उन्हें फोन करके फंसा लेते है। यह सिलसिला कई दिन या कभी कभी कई महीनों तक चलता है। पूर्ण विश्वास हो जाने की सूरत में शख्स को किसी सुनसान जगह पर बुलाया जाता है और फिर उसका अपहरण कर लिया जाता है। पुलिस इसे डाकुओं का हनीट्रैप कहती है। डाकू,खैबर पख्तुन्वा और पंजाब के व्यापारियों को बिजनेस के नाम पर फंसाते है,वे इसके लिए सोशल मीडिया का उपयोग भी करते है। डाकू अपहृत शख्स के परिवार पर दबाव डालने के लिए कभी कभी उसका वीडियो भी अपलोड कर देते है। पुलिस बख्तर बंद गाडियां लेकर इन इलाकों में जाती है तो डाकू इन्हें निशाना बनाने से नहीं चुकते है और वे ऐसे हमलों के प्रपोगंडा वीडियो भी जारी करते रहते है। पुलिस  डकैत ग्रस्त कई इलाकों में बंकर और चेक पोस्ट बना रही है लेकिन डाकू भी इतने शातिर है की उन्हें रोकने में पाकिस्तान पुलिस को सफलता नहीं मिल रही है।

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Sindoor के बाद Pakistan ने दी थी न्यूक्लियर अटैक की धमकी, पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी में क्या बोले Vikram Misri, शशि थरूर का भी आया बयान

भारत कोई धर्मशाला नहीं, 140 करोड़ लोगों के साथ पहले से ही संघर्ष कर रहा है, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Manipur Violence : नृशंस हत्या और लूटपाट में शामिल उग्रवादी केरल से गिरफ्तार, एनआईए कोर्ट ने भेजा ट्रांजिट रिमांड पर

ISI एजेंट से अंतरंग संबंध, पाकिस्तान में पार्टी, क्या हवाला में भी शामिल थी गद्दार Jyoti Malhotra, लैपटॉप और मोबाइल से चौंकाने वाले खुलासे

संभल जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका

सभी देखें

नवीनतम

ज्योति मल्होत्रा का ISI कनेक्शन, एजेंट से अंतरंग सबंध और वॉट्सऐप, स्नेपचैट से जासूसी, ये है चौंकाने वाली कहानी

मध्य प्रदेश में घायल व्यक्ति की जान बचाने पर मिलेंगे 25000 रुपए

बेंगलुरु बारिश से बेहाल, कई इलाके पानी में डूबे, जगह-जगह ट्रैफिक जाम, 5 लोगों की मौत

लालबाग पैलेस के जीर्णोद्धार एवं उद्यान पुनर्विकास के लिए मुख्यमंत्री यादव ने किया भूमिपूजन

राहुल गांधी के फोटो के साथ अमित मालवीय ने लगाया पाक जनरल आसीम मुनीर का चेहरा, कहा दोनों का एजेंडा एक

अगला लेख