वॉशिंगटन। महामारी अंततः समाप्त हो जाती है, भले ही कोरोनावायरस (Coronavirus) का नया वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) इस प्रश्न को जटिल बना रहा हो कि मौजूदा मामले में यह कब होगा। यह बिजली के स्विच को ऑन-ऑफ करने जैसा नहीं होगा और दुनिया को एक ऐसे वायरस के साथ सह-अस्तित्व सीखना होगा जो खत्म होने नहीं जा रहा है।
अति-संक्रामक ओमिक्रोन स्वरूप मामलों को सर्वकालिक उच्च स्तर पर ले जा रहा है और फिर से प्रसार को रोकने की कोशिश में जुटी थकी हुई दुनिया संघर्ष के रूप में अराजकता पैदा कर रही है, लेकिन इस बार, हम नए सिरे से शुरुआत नहीं कर रहे हैं। टीके भले ही संक्रमण को पूरी तरह न रोक पाएं, लेकिन वे गंभीर बीमारी से मजबूत सुरक्षा प्रदान करते हैं।
ओमिक्रोन पहले के कुछ प्रकारों की तरह घातक नहीं लगता और जो लोग इससे बचे रहे हैं उन्हें टीके से वायरस के उन अन्य रूपों के खिलाफ सुरक्षा मिलेगी जो अभी फैल रहे हैं और शायद अगला स्वरूप कोई आता है तो उससे भी उबरने के लिए मदद मिलेगी।
येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. अल्बर्ट को ने कहा कि जब तक हम वास्तव में एंडगेम (महामारी के अंतिम चरण) के बारे में गंभीर नहीं हो जाते नवीनतम संस्करण एक चेतावनी है कि क्या होता रहेगा।
डॉ. को ने कहा कि निश्चित रूप से कोविड हमेशा हमारे साथ रहेगा। उन्होंने कहा कि हम कभी कोविड को मिटाने या खत्म करने में सक्षम नहीं होंगे, इसलिए हमें अपने लक्ष्यों की पहचान करनी होगी।
किसी बिंदु पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) यह निर्धारित करेगा कि कब उचित संख्या में देशों ने अपने कोविड-19 मामलों या कम से कम अस्पताल में भर्ती होने वालों अथवा जान गंवाने वालों की संख्या को पर्याप्त रूप से कम कर दिया है, जिससे महामारी को आधिकारिक तौर पर खत्म हो चुकी घोषित किया जा सके। वास्तव में वह सीमा क्या होगी यह स्पष्ट नहीं है।
ऐसा होने पर भी दुनिया के एक हिस्से में महामारी के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा- विशेषकर कम आय वाले देशों या जहां टीके व उपचार की सुविधा नाकाफी है, जबकि अन्य देश ज्यादा सुगमता से उस दिशा में बढ़ेंगे जिसे वैज्ञानिक महामारी का अंतिम चरण कहते हैं।
हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के संक्रामक रोग विशेषज्ञ स्टीफन किस्लर ने कहा, वे अस्पष्ट भेद हैं। वह अंतिम चरण को कोविड-19 से निपटने के लिए 'किसी प्रकार की स्वीकार्य स्थिर स्थिति' तक पहुंचने के रूप में परिभाषित करता है।
उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन संकट दर्शाता है कि हम अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि हम उस स्थिति में पहुंच जाएंगे जहां सार्स-सीओवी-2 भी स्थानिक होगा जैसे फ्लू एक स्थानिक रोग है।
तुलना के लिए, कोविड-19 ने दो वर्षों में 8 लाख से अधिक अमेरिकियों की जान ले ली जबकि फ्लू से आमतौर पर प्रति वर्ष 12,000 से 52,000 के बीच लोगों की जान जाती है।
जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी के एक वरिष्ठ अध्येता डॉ. अमेश अदलजा ने कहा कि यह उस बिंदु पर फिर से नहीं जा रहे हैं, जहां यह 2019 में था। हमें लोगों की जोखिम सहनशीलता के बारे में सोचने के लिए समय मिला है। (भाषा)