वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 11.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। कोरोनावायरस महामारी के बीच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत एकमात्र देश है जिसकी आर्थिक वृद्धि दर इस साल दहाई अंक में होगी।
आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में वृद्धि का अनुमान जताया है। यह अर्थव्यवस्था में तेजी से पुनरुद्धार को बताता है। वर्ष 2020 में महामारी के कारण इसमें 8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। मुद्राकोष ने अद्यतन रिपोर्ट में 2021 में 11.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया। इस लिहाज से अगले साल भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एकमात्र देश होगा जिसकी वृद्धि दर दहाई अंक में होगी। वृद्धि के लिहाज से चीन 2021 में 8.1 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर होगा। उसके बाद क्रमश: स्पेन (5.9 प्रतिशत) और फ्रांस (5.5) का स्थान रहने का अनुमान है।
आईएमएफ ने आंकड़ों को संशोधित करते हुए कहा कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। चीन एकमात्र बड़ा देश है जिसकी वृद्धि दर 2020 में सकारात्मक 2.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मुद्राकोष के अनुसार 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत और चीन की 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
इस ताजा अनुमान के साथ भारत ने दुनिया की तीव्र आर्थिक वृद्धि वाला विकासशील देश का दर्जा फिर से हासिल कर लिया है। इस महीने की शुरुआत में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीन जार्जीएवा ने कहा था कि भारत ने वास्तव में महामारी और उसके आर्थिक प्रभाव से निपटने के मामले में निर्णायक कदम उठाया है।
उन्होंने कहा था कि भारत की जितनी आबादी है और जिस तरह से लोग आस-पास रहते हैं, उसमें लॉककाउन बड़ा कदम था। उसके बाद भारत ने लक्षित पाबंदियां और लॉकडाउन लगाया। आईएमफ प्रमुख ने कहा कि इसके साथ नीतिगत कदम उठाए गए। अगर आप संकेतकों को देखें तो भारत आज कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच गया है यानी अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय रूप से पुनरुद्धार हुआ है। (भाषा)