IMF का दावा, दुनिया के 90% देशों में आर्थिक सुस्ती, भारत पर ज्यादा असर

Webdunia
बुधवार, 9 अक्टूबर 2019 (12:59 IST)
वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था समकालिक नरमी से गुजर रही है जिसके कारण इस साल दुनिया के 90 प्रतिशत देशों में वृद्धि दर कम होगी। भारत जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर इसका असर कुछ अधिक है।
 
आईएमएफ की नवचयनित प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जियॉर्जिएवा ने कहा कि नरमी की व्यापकता के कारण इस साल आर्थिक वृद्धि दर दशक के निचले स्तर पर आ जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में नरमी का असर अधिक ही देखने को मिल रहा है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर भी धीरे-धीरे गिर रही है। उन्होंने बुद्धिमता के साथ मौद्रिक नीतियों का इस्तेमाल करने और वित्तीय स्थिरता को विस्तृत करने का सुझाव दिया।
 
जियॉर्जिएवा ने कहा कि अमेरिका और जर्मनी में बेरोजगारी की दर ऐतिहासिक निचले स्तर पर है। इसके बाद भी अमेरिका और जापान समेत यूरोप की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियों में नरमी देखने को मिल रही है।
 
उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह वैश्विक आर्थिक परिदृश्य जारी होगा और उसमें पूर्वानुमान में कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा कि करीब 40 उभरती तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर पांच प्रतिशत से अधिक रहेगी।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर क्यों है भारत? क्या मोदी-ट्रंप की दोस्ती का वक्त पूरा हो गया है?

डोनाल्ड ट्रंप को करना पड़ सकती है PM मोदी से बात, क्यों बोले अमेरिकी विशेषज्ञ

शशि थरूर ने फिर कही कांग्रेस को चुभने वाली बात, डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर क्या बोले

देश में मानसून ने पकड़ी रफ्तार, दूसरे चरण में कितनी होगी बारिश, IMD ने जताया यह अनुमान

मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बरी होने पर रोई उमा भारती, कहा दिग्विजय ने रची भगवा आतंकवाद की झूठी थ्योरी

सभी देखें

नवीनतम

क्या वाकई मृत है भारत की अर्थव्यवस्था? बयानबाजी के इतर आंकड़ों से समझिए सच्चाई!

वन नेशन, वन समोसा? रवि किशन ने संसद में उठाया समोसे का मुद्दा, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस!

बड़ी खबर, 9 सितंबर को उपराष्‍ट्रपति पद के लिए चुनाव

LIVE: बड़ी खबर, 9 सितंबर को उपराष्‍ट्रपति पद के लिए चुनाव

वो कहानी, जो हर भारतीय को याद है: 15 अगस्त की गाथा

अगला लेख