इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अहम मतदान से एक दिन पहले शनिवार को देश के युवाओं से अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ रचे गए विदेशी षड्यंत्र के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि वे पाकिस्तान सेना की आलोचना नहीं करें।
खान ने सीधे प्रसारित किए गए प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान कहा कि उनके पास नेशनल असेंबली में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर रविवार को होने वाले मतदान के लिए एक से अधिक योजनाएं हैं। खान ने इसे देश के भविष्य के लिए युद्ध करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान निर्णायक मोड़ पर खड़ा है।
उन्होंने कहा, हम दो मार्ग अपना सकते हैं। क्या हम विनाश का मार्ग अपनाना चाहते हैं या गौरव का रास्ता अपनाना चाहते हैं? इस (गौरव के) मार्ग पर मुश्किलें होंगी, लेकिन यह हमारे पैगंबर का मार्ग है। यह हमारी भलाई का मार्ग है। यह मार्ग इस देश में क्रांति लेकर लाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की राजनीति एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गई है, जहां देश के लोगों को एक फैसला करना होगा। उन्होंने कहा, ईमानदारी और न्याय के साथ खड़े रहने वाले समाज को नवजीवन मिलता है, लेकिन जब समाज तटस्थ हो जाता है तो यह बुराई को समर्थन देना शुरू कर देता है।
खान ने कहा, इस समय सरकार के खिलाफ एक षड्यंत्र चल रहा है और यह साबित हो गया है कि सरकार को अपदस्थ करने के लिए बकरों की तरह नेता खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में यह साजिश रची गई और पाकिस्तान के कुछ नेता इन लोगों की मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, इतिहास उन्हें कभी नहीं भूलता और मैं चाहता हूं कि पाकिस्तान का इतिहास भी इन धोखेबाजों को नहीं भूले। यह आपकी जिम्मेदारी है। उन्हें ऐसा मत लगने दीजिए कि आप भूल गए हैं। खान ने कहा, आधिकारिक दस्तावेज कहते हैं कि यदि आप इमरान खान को हटा देते हैं, तो अमेरिका के साथ आपके संबंध बेहतर हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वह राष्ट्र को धोखा देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। खान ने युवाओं से कहा, मैं चाहता हूं कि आप बाहर निकलें और आज एवं कल प्रदर्शन करें। शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के लिए बाहर निकलें। यह पूछे जाने पर कि सेना की आलोचना करने वालों से वह क्या कहेंगे, प्रधानमंत्री ने कहा कि दो चीजें हैं जिन्होंने देश को एकजुट रखा है।
उन्होंने कहा, पहली चीज, पाकिस्तान की सेना है। यह एक मजबूत और पेशेवर सेना है। यह देश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई देश पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी चीज पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) है, क्योंकि यह एक ऐसी पार्टी है जिसने देश को जोड़े रखा है।
उन्होंने कहा, हमें इस सेना की आवश्यकता है। इसने हमारे लिए बलिदान दिया है। मैं चाहता हूं कि आप सेना की आलोचना नहीं करें। खान ने सेना के साथ मतभेद की खबरों को भी खारिज किया। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनके खिलाफ पैदा किया गया राजनीतिक संकट पाकिस्तान के लिए एक स्वतंत्र विदेश नीति बनाने की उनकी इच्छा का परिणाम है।(भाषा)