इस्लामाबाद। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने वह पाकिस्तान एवं भारत के बीच अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन जब तक पड़ोसी देश में राष्ट्रवादी भाजपा सत्ता में है तब तक ऐसा होने की गुजाइंश नहीं है।
ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ को दिए साक्षात्कार में इमरान खान (70) ने कहा कि यदि दोनों पड़ोस देश एक-दूसरे के साथ व्यापार स्थापित करते हैं तो इसके फायदे तो काफी होंगे। लेकिन इसमें कश्मीर मुद्दा मुख्य बाधक है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह संभव है। लेकिन भाजपा सरकार बहुत कट्टर है तथा उसका इन मुद्दों पर राष्ट्रवादी दृष्टिकोण है।
अखबार ने उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया, 'यह निराशाजनक है , क्योंकि आपके पास (हल के लिए) कोई गुजाइंश नहीं है, वे राष्ट्रवादी भावनाएं भड़काते हैं। एक बार राष्ट्रवाद का यह जिन्न बोतल से बाहर आ गया तो उसे वापस डालना बड़ा मुश्किल होता है।'
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2019 को कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था। इसी महीने में औपचारिक रूप से पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने संबंधों को घटा दिया था। इमरान ने कहा कि हम दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि एक बार फिर शीत युद्ध जैसी स्थिति बने।
हालांकि, भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, दुश्मनी एवं हिंसा से मुक्त माहौल में उसके साथ सामान्य पड़ोसी जैसा संबंध रखना चाहता है।
Edited by : Nrapendra Gupta