इस्लामाबाद। आतंकियों की पनाहगार पाकिस्तान भारत के साथ शांति का हाथ बढ़ाने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। वह हिन्दुस्तान से दोस्ती का दिखावा करने के लिए हर हथकंडे का इस्तेमाल कर रहा है। इसी कड़ी में एक मौका इमरान खान की पार्टी तहरीके पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने जोड़ दिया है।
एक असामान्य कदम के तहत पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी ने सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के इस बयान को विशुद्ध हिन्दी में ट्वीट किया कि जो व्यक्ति कश्मीर मुद्दे का समाधान करेगा, वही नोबेल शांति पुरस्कार के लिए योग्य होगा।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने खान को उद्धृत करते हुए ट्वीट किया कि मैं नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य नहीं हूं। इसका योग्य व्यक्ति वह होगा जो कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार कश्मीर विवाद का समाधान करता है और उपमहाद्वीप में शांति एवं मानव विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
2 मार्च को पाकिस्तान की नेशनल एसेम्बली के सचिवालय को एक प्रस्ताव सौंपा गया जिसमें कहा गया था कि भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को रिहा करने के खान के फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हुआ है। प्रस्ताव के अनुसार खान ने वर्तमान तनाव में जिम्मेदारीपूर्वक कार्य किया और वे नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं।
कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। तत्पश्चात भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। अगले दिन पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की थी।