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इमरान ने उठाया सुप्रीम कोर्ट पर सवाल, कहा- जिंदा कौम साजिश के खिलाफ खड़ी होती है

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, शनिवार, 9 अप्रैल 2022 (01:01 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल असेंबली को भंग करने के विवादित फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त किए जाने को लेकर शुक्रवार को निराशा व्यक्त की और कहा कि वह देश में किसी भी आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे।

शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन से पहले राष्ट्र के नाम एक संबोधन में 69 वर्षीय खान ने अपने समर्थकों से रविवार शाम को उनके साथ सड़क पर उतरने का आह्वान किया। खान ने अपने संबोधन में कहा, मैं उच्चतम न्यायालय और न्यायपालिका का सम्मान करता हूं, लेकिन शीर्ष अदालत को अपना फैसला देने से पहले एक धमकी भरे पत्र पर गौर करना चाहिए था।

सभी चोर एकजुट : विपक्ष पर निशाना साधते हुए इमरान ने कहा कि पाकिस्तान के सभी चोर एकजुट हो गए हैं। यहां सांसद खरीदे जा रहे हैं। लोकतंत्र का कत्ल हो रहा है। रिजर्व सीट के सांसद बिक रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीक्रेट कोड की वजह से चिट्‍ठी जनता के सामने नहीं रख सकता। उन्होंने साजिश के लिए एक बार फिर अमेरिका पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार को गिराने की धमकी पाकिस्तान की 22 करोड़ जनता की तौहीन है।

जनता से प्रदर्शन की अपील : इमरान खान ने इस आरोप को दोहराया कि अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की धमकी दी थी। खान ने कहा कि वह आयातित सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे, रविवार शाम को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन का का लोगों से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिंदा कौम साजिशों के खिलाफ खड़ी होती है।

भारत चले जाएं : दूसरी ओर पीएमएलएन की नेता मरियम नवाज ने इमरान के भारत की तारीफ वाले बयान पर कहा कि यदि खान को हिन्दुस्तान इतना पसंद है तो वे वहीं चले जाएं।

खान के पास बहुमत नहीं : खान के पास 342 सदस्यीय सदन में एक तरह से बहुमत नहीं है। उन्होंने अपने इन आरोपों को दोहराया कि एक अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की धमकी दी थी।

मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के नेशनल असेंबली उपाध्यक्ष का फैसला बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से रद्द कर दिया था। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश दिया था।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि नेशनल असेंबली भंग करने और समय से पहले चुनाव कराने का प्रधानमंत्री का कदम असंवैधानिक था। अदालत ने निचले सदन के अध्यक्ष को भी अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन के लिए 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया था। इसने अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर नए प्रधानमंत्री का चुनाव कराने का आदेश दिया था।

प्रधानमंत्री खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है। हालांकि उन्होंने इससे अधिक संख्या का पहले ही समर्थन दिखा दिया है।

इमरान भी नहीं कर पाएंगे कार्यकाल पूरा : अब खान पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हो सकते हैं, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा। क्रिकेटर से नेता बने खान 2018 में 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे।

हालांकि वे वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होना था। पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।

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