इस्लामाबाद। जबसे जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाया गया है और पाकिस्तान आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है, तब से ही इमरान खान को पद से हटाए जाने की मांग में तेजी आ गई है।
फजलुर्रहमान ने की तैयारी : जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता मौलाना फजलुर्रहमान ने इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए इस्लामाबाद तक आजादी मार्च निकालने की तैयारी कर दी है। इसके उलट इमरान ने कहा कि वे किसी के भी दबाव में इस्तीफा नहीं देंगे।
उन्होंने वरिष्ठ पत्रकारों और विश्लेषकों के साथ चली बैठक में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम की ओर से उठाई जा रही मांगों के बारे में चर्चा कर मुद्रास्फीति के मुद्दों, बेरोजगारी और विदेश नीति को लेकर उचित कदम उठाए जाने की बात भी कही।
प्रदर्शन से भारत में खुशी का माहौल : इमरान कहा कि मौलाना फजलुर्रहमान को साजिश के तहत ऐसा कर रहे हैं और मेरे इस्तीफे का तो कोई सवाल ही नहीं है और मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। आजादी मार्च एक एजेंडे पर आधारित होकर इसे विदेशी समर्थन है। जेयूआई-एफ के विरोध प्रदर्शन से भारत में खुशी का माहौल है।
हालांकि बैठक में इमरान खान ने स्वीकार किया कि महंगाई और बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है और उनकी सरकार इसे सुलझाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे किसी के भी दबाव में इस्तीफा नहीं देने वाले।
27 अक्टूबर को आजादी मार्च : सिंध से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च निकाला जाना है। इमरान, फजलुर्रहमान की मांगों को लेकर उनसे मिलने को तैयार हैं। उन्होंने बैठक में साफ कह दिया है कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह का गतिरोध नहीं बढ़ना चाहिए तथा मौलाना की ओर से 27 अक्टूबर को सिंध से आजादी मार्च के रूप में निकाले जाने वाले आंदोलन को हम रोकेंगे नहीं। यह आंदोलन 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचेगा।