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नूपुर शर्मा विवाद के बाद हैकर्स ने भारत के खिलाफ छेड़ा 'साइबर युद्ध', इंटरपोल से मांगी मदद

हमें फॉलो करें नूपुर शर्मा विवाद के बाद हैकर्स ने भारत के खिलाफ छेड़ा 'साइबर युद्ध', इंटरपोल से मांगी मदद
, शनिवार, 9 जुलाई 2022 (13:40 IST)
अहमदाबाद। नूपुर शर्मा विवाद के चलते इंडोनेशिया और मलेशिया के हैकर्स समूह ने भारतीय वेबसाइट्स पर साइबर हमला कर दिया है। इस बात की जानकारी हाल ही में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने दी। उनका कहना है कि मलेशिया और इंडोनेशिया के 'हैक्टिविस्ट्स' ने अब भारत की सरकारी वेबसाइट्स को टारगेट करना शुरू कर दिया है। साथ ही साथ उन्होंने दुनिया के अन्य देशों के मुस्लिम हैकर्स से भी भारत के खिलाफ साइबर युद्ध छेड़ने की अपील की है। भारत सरकार ने दोनों देशों की सरकार के साथ-साथ इंटरपोल को भी आधिकारिक चिट्ठी लिखकर मामले की जांच करने की अपील की है।  
 
अहमदाबाद साइबर क्राइम सेल के डीसीपी अमित वसावा ने शुक्रवार को कहा कि नूपुर शर्मा विवाद के बाद 'Dragon force Malaysia' और 'Hacktivist Indonesia' नामक दो हैकर्स ग्रुप ने भारत सरकार की वेबसाइट्स पर साइबर अटैक किया है। 
 
वसावा का कहना है कि हैकर्स ने करीब 2 हजार वेबसाइट्स को अपना निशाना बनाया है, जिनमें सरकारी विभागों, शिक्षण संस्थानों, व्यापारिक संगठनों और उद्योगों की वेबसाइट्स के साथ कई यूजर्स का आधार कार्ड, पैन कार्ड व पासपोर्ट आदि का डेटा शामिल है। मामले की गंभीरता को समझते हुए हमने इंडोनेशिया और मलेशिया की सरकारों के साथ-साथ इंटरपोल को भी लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। 
 
वसावा ने आगे कहा कि हैकर्स ने सरकार की वेबसाइट्स को हैक करके नूपुर शर्मा का एड्रेस, फोन नंबर, ईमेल आईडी आदि की जानकारी भी सोशल मीडिया पर लीक कर दी।
 
उन्होंने कहा कि असम के एक यूट्यूब चैनल 'TIME8' ने हमे सूचना दी थी कि उसका अकाउंट भी पाकिस्तान के किसी हैकर ने हैक कर लिया है। क्राइम ब्रांच ने इस हैकर की पुष्टि 'Revolution PK' के नाम से की है। और तो और हैकर्स ने आंध्र प्रदेश पुलिस अधिकारियों की पर्सनल जानकारी भी हैक कर ली है। 
 
अहमदाबाद साइबर क्राइम सेल ने मलेशिया और इंडोनेशिया की लगभग 100 वेबसाइट्स में कुछ ऐसी कमजोरियों को खोज निकाला है, जिसके चलते हैकर्स मामूली सी कोडिंग करके वेबसाइट को हैक कर लेते हैं। इसी के साथ साइबर सेल ने 80 से ज्यादा भारतीय वेबसाइट्स की कमजोरियों को भी खोजा है और इसकी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC) को सौंप दी है। 
 
 
 
 

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