'बेहद मुश्किल दौर' में चीन के साथ भारत के रिश्ते: जयशंकर

Webdunia
रविवार, 20 फ़रवरी 2022 (17:14 IST)
म्यूनिख (जर्मनी), विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि चीन द्वारा सीमा समझौतों का उल्लंघन करने के बाद उसके साथ भारत के संबंध ‘‘बहुत कठिन दौर’’ से गुजर रहे हैं। जयशंकर ने यह भी रेखांकित किया कि ‘‘'सीमा की स्थिति संबंधों की स्थिति का निर्धारण करेगी।’’
 
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 2022 में शनिवार को एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ समस्या हो रही है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘1975 से 45 साल तक सीमा पर शांति रही, स्थिर सीमा प्रबंधन रहा, कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ। अब यह बदल गया है क्योंकि हमने चीन के साथ सीमा या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य बलों की तैनाती नहीं करने के लिए समझौते किए थे... लेकिन चीन ने उन समझौतों का उल्लंघन किया है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘स्वाभाविक तौर पर सीमा की स्थिति संबंधों की स्थिति का निर्धारण करेगी। जाहिर तौर पर फिलहाल चीन के साथ संबंध बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं।’’

पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था और दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे अपने सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी थी। इसके बाद,15 जून 2020 को गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद तनाव बढ़ गया था।

पिछले सप्ताह मेलबर्न की यात्रा पर जयशंकर ने कहा था कि एलएसी पर स्थिति 2020 में चीन द्वारा सीमा पर बड़े पैमाने पर सैनिकों के लिए निर्धारित समझौतों के उल्लंघन के कारण उत्पन्न हुई है और कहा कि बीजिंग की कार्रवाई ‘‘समूचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गई है।’’

मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा था, ‘‘जब एक बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं की अवहेलना करता है तो मुझे लगता है कि यह समूचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण चिंता का मुद्दा है।’’

जयशंकर ने एमएससी में हिंद-प्रशांत पर परिचर्चा में भाग लिया, जिसका उद्देश्य यूक्रेन को लेकर नाटो देशों और रूस के बीच बढ़ते तनाव पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श करना है।

परिचर्चा में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पायने, जापानी विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी, यूरोप और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिकी सीनेट की उपसमिति की अध्यक्ष जीन शाहीन तथा यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री ज्यां-यवेस ले ड्रियन शामिल थे।

कनेक्टिविटी के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि यह पारदर्शी और व्यावसायिक रूप से आधारित होना चाहिए। चीन की कर्ज देकर देशों को अपनी ओर करने की नीति को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता के बीच जयशंकर ने कहा कि कर्ज का जाल तैयार नहीं किया जाना चाहिए तथा देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल की सच्चाई : क्या है तुर्क बनाम पठान का एंगल? जानिए पूरी कहानी

LIVE: अब अजमेर दरगाह शरीफ का होगा सर्वे, अदालत ने स्वीकार की हिन्दू पक्ष की याचिका

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

प्रयागराज में डिजिटल होगा महाकुंभ मेला, Google ने MOU पर किए हस्‍ताक्षर

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

अगला लेख