राम मंदिर ध्वजारोहण पर Pakistan की टिप्पणी पर भारत का तीखा जवाब, विदेश मंत्रालय ने कहा- 'नैतिक अधिकार नहीं'
पाकिस्तान को दूसरों पर टिप्पणी करने की बजाय अपने देश के भीतर मानवाधिकारों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, जो बेहद खराब है।
अयोध्या स्थित राम मंदिर पर पवित्र ध्वज फहराए जाने को लेकर पाकिस्तान की टिप्पणी पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के प्रति रवैये को 'कट्टरता, दमन और व्यवस्थित उत्पीड़न से भरा रिकॉर्ड' बताया।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में भव्य ध्वजारोहण समारोह के दौरान केसरिया ध्वज फहराया। यह समारोह जनवरी 2024 में हुए प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष बाद मंदिर के औपचारिक पूर्ण होने का प्रतीक था।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने पाकिस्तान की टिप्पणी देखी है और उसे उसी contempt के साथ खारिज करते हैं जिसकी वह हकदार है। जिस देश का रिकॉर्ड अल्पसंख्यकों के खिलाफ इतना खराब हो, उसे दूसरों पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।
पाकिस्तान ने मंगलवार को अपने विदेश मंत्रालय के बयान में इस ध्वजारोहण को 'इस्लामोफोबिया' और 'धरोहर के अपमान' का उदाहरण बताया था और बाबरी मस्जिद विध्वंस का हवाला देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने भारत सरकार और न्यायपालिका पर भी हमला करते हुए राम मंदिर के निर्माण को 'अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभावपूर्ण नीति' करार दिया।
इस पर पलटवार करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरों पर टिप्पणी करने के बजाय अपने देश के भीतर मानवाधिकारों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, जो बेहद खराब है।
पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम को लेकर भारत पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव का आरोप लगाया और संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर ध्यान देने की अपील की, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के बयान को कपटपूर्ण और भेदभावपूर्ण बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। Edited by : Sudhir Sharma