भारतीयों के लिए आसान होगा अमेरिका जाना

Webdunia
मंगलवार, 27 जून 2017 (20:12 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका जाने वाले भारतीय यात्रियों को अब वहां पहुंचने के बाद प्रवेश को लेकर कोई समस्या नहीं होगी और आसानी से यहां प्रवेश कर सकेंगे। इसका कारण भारत का अमेरिकी पहल वाले कार्यक्रम में औपचारिक रूप से शामिल होना है। हालांकि इसमें वही यात्री शामिल होंगे, जिनको लेकर कोई संदेह नहीं है।
 
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के इंटरनेशनल एक्सीपेडेट ट्रैवलर इनीशिएटिव (ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम) में प्रवेश का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह भारत और अमेरिकी नागरिकों के बीच व्यापार और शैक्षणिक संबंधों को सुगम बनाएगा। ट्रम्प और मोदी के बीच बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारतीयों और भारतीय अमेरिकियों की उद्यमशीलता और नवप्रवर्तन की सराहना की जिससे दोनों देशों को लाभ हुआ।
 
भारत जिस कार्यक्रम से जुड़ा है, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन उससे पहले से जुड़े हैं। ग्लोबल एंट्री अमेरिकी कस्टम और बोर्ड प्रोटेक्शन (सीबीपी) कार्यक्रम का हिस्सा है जो अमेरिका पहुंचने वाले भारतीयों को यथाशीघ्र प्रवेश की अनुमति देता है। इसका फायदा उन नागरिकों को मिलेगा जिनको लेकर कोई संदेह नहीं है।
 
चुनिंदा हवाई अड्डों पर पहुंचने के बाद कार्यक्रम से जुड़े सदस्यों को आव्रजन अधिकारियों द्वारा आव्रजन मंजूरी के लिये कतार में लगने के बजाय 'ऑटोमेटिक कियोस्क' के उपयोग की अनुमति होगी और वे उसके जरिए अमेरिका में प्रवेश कर सकेंगे।
 
हवाई अड्डों पर सदस्य 'ग्लोबल एंट्री कियोस्क' पर पहुंचेंगे और अपना मशीन द्वारा पढ़ने योग्य पासपोर्ट या अमेरिका स्थायी निवासी कार्ड पेश करेंगे, अंगुली निशान के सत्यापन के लिए कियोस्क पर अंगुली लगाएंगे और कस्टम प्रक्रिया पूरी करेंगे।
 
उसके बाद कियोस्क यात्री को रसीद जारी करेगा और सामान के दावे तथा और बाहर निकलने का निर्देश देगा। सीबीपी की वेबसाइट के अनुसार इसके लिए यात्रियों को वैश्विक प्रवेश कार्यक्रम के लिए पहले से मंजूरी ली होनी चाहिए। सभी आवेदनकर्ताओं को इसमें नाम दर्ज कराने के लिए कठिन जांच प्रक्रिया और साक्षात्कार से गुजरना होगा। हालांकि इसके अनुसार ग्लोबल एंट्री का लक्ष्य यात्रियों के अमेरिका प्रवेश को आसान बनाना है, लेकिन इसके बावजूद संबंधित सदस्यों से आगे की पूछताछ की जा सकती है।
 
इस सुविधा के लिए जिन हवाई अड्डों का चयन किया गया है, उसमें न्यूयॉर्क, नेवार्क, वॉशिंगटन ऑस्टिन, डल्लास, ह्यूस्टन, बोस्टन, शिकागो, सेन फ्रांसिस्को, लॉस एंजिल्स, लॉस वेगास, मियामी और सिएटल शामिल हैं। अमेरिकी हवाई अड्डों के अलावा, आयरलैंड में डबलिन, कनाडा में वैंकुवर और टोरोंटो तथा अबूधाबी भी सूची में शामिल है। यात्री इन हवाई अड्डों पर अमेरिकी आव्रजन मंजूरी ले सकते हैं और वे अमेरिका की यात्रा वैसे ही कर सकते हैं जैसा कि घरेलू यात्रा करते हैं।
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख