क्या है इसराइल-फिलिस्तीन विवाद? इसके हल में क्या होगी भारत की भूमिका?

Webdunia
मंगलवार, 4 जुलाई 2017 (10:23 IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को तीन दिवसीय इसराइल यात्रा पर जा रहे हैं। इसराइल का फिलिस्तीन से गाजा पट्टी को लेकर विवाद 1948 में शुरू हुआ था। भारत के फिलिस्तीन से बेहतर संबंध रहे हैं। दूसरी तरफ भारत की इसराइल से भी दोस्ती लगातार गहरी होती जा रही है। ऐसे में मोदी का यह इसराइल दौरा इस बात की भी उम्मीद जगाता है कि इस विवाद को सुलझाने में भारत बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। 
 
यहूदी पश्चिम एशिया के उस इलाके में अपना हक जातते थे, जहां सदियों पहले यहूदी धर्म का जन्म हुआ था। यही वो जमीन थी जहां ईसाईयत का जन्म हुआ। बाद में इस्लाम के उदय से जुड़ा इतिहास भी यहीं लिखा गया।
 
यहूदियों के दावे वाले इसी इलाके में मध्यकाल में अरब फिलिस्तीनियों की आबादी बस चुकी थी। 1922 से ये इलाका ब्रिटिश हुकूमत के कब्जे में था। फिर भी यहूदियों और फिलिस्तीनियों के बीच, यहां दबदबे को लेकर गृहयुद्ध जारी था। इसी माहौल में 30 नवंबर 1947 को संयुक्त राष्ट्र ने यहूदियों और अरबों के लिए विवाद वाले इलाके में बंटवारे की योजना को सहमति दे दी। समझौते के मुताबिक 15 मई 1948 को इलाके से ब्रिटेन ने अपना कब्जा छोड़ दिया। 
 
जब विभाजन हुआ तब इजराइल और फिलिस्तीन दो देश बने थे। इसराइल के उदय के साथ ही अरब-इजराइल युद्ध शुरुआत हो गई। इसराइल के आसपास मौजूद अरब देशों को बंटवारा मंजूर नहीं था। इस जंग में लाखों फिलिस्तीनी विस्थापित हो गए-और एक बड़ा इलाका इसराइल के कब्जे में आ गया।
 
जून 1967 में जब दूसरी जंग हुई तो 6 दिनों तक चली, जिसमें इसराइल ने फिर से गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया। इसराइल का यह कब्जा 25 सालों तक चला लेकिन दिसंबर 1987 में गाजा के फिलिस्तीनियों के बीच दंगों और हिंसक झड़प के कारण और इसराइली सैनिकों पर कब्जा करने से एक विद्रोह का रुप दे दिया।
 
इसराइल के जार्डेन, मिस्र समेत कई अरब देशों से हुए अलग-अलग समझौतों के बाद गाजापट्टी और वेस्ट बैंक के इलाके में फिलिस्तीनियों का प्रशासन हो गया था। फिलिस्तीनियों के बड़े नेता यासिर अराफात जब तक जिंदा थे तब तक पश्चिम एशिया में कुछ शांति रही-लेकिन उनके बाद 2007 में गाजपट्टी में फिलिस्तीनियों के आजादी के संघर्ष में कट्टर और आतंकी रणनीति को बढ़ावा देने वाले हमास का कब्जा हो गया।
 
दो गुट हो गए पुराना यासिर आराफात वाला, वो रामल्ला से गवर्नमेंट चलाते हैं, वेस्ट बैंक में ये येरूशलम वाला इलाका है, गाजा पट्टी हमास के कब्जे में चला गया ये दो ग्रुप हैं।
 
गाजा पट्टी विवाद को लेकर कहा जा सकता है कि इस मामले में दोनों पक्षों को एक-दूसरे के ऊपर विश्वास कम है और हर एक पक्ष कुछ बुनियादी प्रतिबद्धता कायम रखे हुए दिखाई देता है।
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