Greta Thunberg expelled from Israel: सामाजिक कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जिस जहाज पर सवार थीं, उसे इजराइली सेना द्वारा जब्त किए जाने के एक दिन बाद थनबर्ग को मंगलवार को इजराइल से निर्वासित कर दिया गया। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर विमान में सवार थनबर्ग की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि थनबर्ग विमान से फ्रांस पहुंचने के बाद अपने देश स्वीडन रवाना हो गईं।
200 किलोमीटर पहले ही जब्त किया जहाज : थनबर्ग गाजा में सहायता सामग्री ले जा रहे मैडलीन नामक जहाज पर सवार 12 यात्रियों में से एक थीं। फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन नामक संगठन ने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया था। संगठन ने बताया कि इजराइली नौसेना बलों ने जहाज को गाजा से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में जब्त कर लिया।
संगठन समेत अन्य अधिकार समूहों ने इजराइल के कदमों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। इजराइल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे जहाज गाजा की उसकी नौसैनिक नाकाबंदी का उल्लंघन करते हैं। इजराइल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इजराइली नौसेना के साथ इस जहाज को सोमवार शाम इजराइल के बंदरगाह अशदोद लाया गया।
थनबर्ग इजराइल छोड़ने पर सहमत : इजराइल में ग्रेटा और अन्य कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कानूनी अधिकार समूह अदाला ने कहा कि थनबर्ग, दो अन्य कार्यकर्ता और एक पत्रकार निर्वासन एवं इजराइल छोड़ने के लिए सहमत हो गए हैं। उसने बताया कि अन्य कार्यकर्ताओं ने निर्वासन से इनकार कर दिया, उन्हें हिरासत में रखा जा रहा है और उनके मामले की सुनवाई इजराइली प्राधिकारी करेंगे। समूह ने कहा कि कार्यकर्ताओं को मंगलवार को अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।
यूरोपीय संसद की फ्रांसीसी सदस्य रीमा हसन भी जहाज पर मौजूद कार्यकर्ताओं में शामिल थीं। वह फिलिस्तीनी मूल की हैं। फिलिस्तीनियों के प्रति इजराइल की नीतियों का विरोध करने के कारण उन्हें इजराइल में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि उन्हें तुरंत निर्वासित किया जा रहा है या हिरासत में लिया जा रहा है।
क्या कहा फ्रांस के विदेश मंत्री ने : फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने मंगलवार को कहा कि हिरासत में लिए गए फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं में से एक ने निष्कासन आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं और वह मंगलवार को इजराइल छोड़कर फ्रांस चले जाएंगे। अन्य 5 ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को वाणिज्यदूत से मुलाकात की सुविधा दी गई।
अधिकार समूह अदाला ने कहा कि इजराइल के पास जहाज को अपने कब्जे में लेने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय जल में था और यह इजराइल की ओर नहीं, बल्कि फलस्तीन के जलीय क्षेत्र की ओर जा रहा था। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala