इस्तांबुल के फुटबॉल स्टेडियम के पास दो विस्फोट, 38 लोगों की मौत

Webdunia
सोमवार, 12 दिसंबर 2016 (07:35 IST)
इस्तांबुल। राष्ट्रपति रेसेप तैयिप एरदोगन ने इस्तांबुल में दोहरे बम विस्फोटों में 38 लोगों की मौत के बाद आखिर तक आतंकवाद से लड़ने का प्रण लिया जबकि कुर्दिश आतंकवादी संगठन ने इन धमाकों की जिम्मेदारी ली।
दोनों विस्फोट कल हुए। बेसीकतास के स्टेडियम के बाहर कल देर शाम कार बम विस्फोट हुआ जिसके एक मिनट के भीतर पास के एक पार्क में एक आत्मघाती हमलावर ने पुलिसकर्मियों के एक समूह के पास विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया।
 
अधिकारियों ने बताया कि विस्फोटों में मरने वाले ज्यादातर पुलिस अधिकारी हैं। तीस पुलिसकर्मियों की इन विस्फोटों में जान चली गयी जबकि सात नागरिक भी मारे गए एवं एक व्यक्ति की पहचान नहीं हो पायी है। धमाकों से करीब 150 लोग जख्मी हो गए। एरदोगन ने कड़े शब्दों में कहा, 'तुर्की अंत समय तक आतंकवाद से लड़ता रहेगा। उन्हें मालूम होना चाहिए कि वे बच नहीं निकलेंगे...वे भारी कीमत चुकाएंगे।' इन विस्फोटों की प्रतिबंधित कुर्दिस्तान फ्रीडम फालकंस (टीएके) ने जिम्मेदारी ली है जो वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का कट्टरपंथी धड़ा है। 
 
टीएके की वेबसाइट कहती है, 'टीएके की बदला लेने वाली टीम ने इस्तांबुल वोडोफोन एरिना स्टेडियम और माका पार्क में स्थानीय समयानुसार रात साढ़े दस बजे एक साथ हमला किया।' यह संगठन पहले भी इस साल तुर्की में हुए तीन बड़े हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है।
 
अधिकारियों ने पहले कहा था कि प्रारंभिक जांच से हमलों के पीछे पीकेके का हाथ होने का संकेत मिला है जिसने 1984 से तुर्की राज्य के खिलाफ खूनी अभियान छेड़ रखा है। पुलिस मुख्यालय में एरदोगन और प्रधानमंत्री बिनाली यीलदीरीम विस्फोटों में मारे गए 30 पुलिसकर्मियों में पांच के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। राष्ट्र ध्वज आधा झुका दिया गया।
 
गृहमंत्री सुलेमान सोयलु ने शोक मना रहे लोगों से कहा, 'देर सवेर हम अपना बदला लेंगे। कानून के हाथ लंबे हैं।' एरदोगन ने बाद में स्थिति पर चर्चा के लिए इस्तांबुल में कैबिनेट मंत्रियों की आपात बैठक की अध्यक्षता की।
 
उधर, स्टेडियम के बाहर लोग सड़कों पर उतर आए और उनके हाथों में तुर्क के झंडे थे और वे पीकेके के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उप प्रधानमंत्री नुमान कुर्तुलमस ने कहा कि निशाने पर सीधे तौर पर पुलिस थी। उन्होंने सीएनएन तुर्क टेलीविजन पर कहा, 'विशेषज्ञों ने बताया कि कम से कम 300 से 400 किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया।' (भाषा)
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