दावोस। वैश्वीकरण के भविष्य को लेकर चल रही चर्चा के बीच जानेमाने बैंकर और नव विकास बैंक (एनडीबी) के अध्यक्ष केवी कामत ने गुरुवार को कहा कि दुनिया में एक नया नजरिया उभर रहा है जिसमें कई देश अपनी राष्ट्रीय नीतियों में आंतरिक हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि इस समूची बहस में भारत काफी सुखद स्थिति में है।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की यहां चल रही सालाना बैठक के मौके पर एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण की किसी भी बहस में भारत और चीन मुख्य केंद्र बने रहेंगे, क्योंकि ये दोनों देश वैश्विक वृद्धि में एक बड़ा योगदान दे रहे हैं।
कामत ने कहा कि जहां तक भारत की बात है, तो इस पूरी बहस में भारत काफी बेहतर स्थिति में है। भारत में अगले 15 से 20 साल में बुनियादी ढांचा, विनिर्माण और उपभोक्ता क्षेत्र में काफी निवेश होना है। अगले 20 साल में हम 2,00,000 करोड़ डॉलर से 4,00,000 करोड़ या 6,00,000 करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम काफी आरामदायक स्थिति में दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि हमारे पास निवेश के लिए काफी जगह है और हम विदेशी निवेश की उम्मीद भी कर सकते हैं। भारत यहां काफी मजबूत स्थिति में है।
डब्ल्यूईएफ में वैश्वीकरण पर बहस तथा चीन और भारत के लिए अवसरों पर कामत ने कहा कि यदि हम चीन और भारत की ओर देखें तो दोनों बढ़ी हुई वैश्विक वृद्धि दर में दो-तिहाई का योगदान देते हैं। वैश्वीकरण पर कोई भी बहस भारत और चीन को लिए बिना पूरी नहीं हो सकती। इस पूरी बहस में दोनों काफी महत्वपूर्ण हैं। (भाषा)