मलेशिया के कट्‍टर इस्लामी देश बनने का खतरा

Webdunia
शुक्रवार, 1 जुलाई 2016 (17:50 IST)
दो वर्ष पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जब मलेशिया की यात्रा पर आए थे तो उन्होंने इस उदार मुस्लिम बहुल देश के साथ द्विपक्ष‍ीय संबंधों को मजबूत करने की बात सोची थी। उनका मानना था कि मलेशियाई लोगों को अमेरिका में वीजा फ्री यात्रा करने की सुविधा मिलनी चाहिए। 
लेकिन, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार अमेरिका के लिए अब यह अच्छा विचार नहीं हो सकता है क्योंकि मलेशिया के कट्‍टरपंथी इस्लामी देश में बदलने का खतरा मौजूद है। जहां दुराचारियों को पत्थरों से मार-मारकर मारा जाए और चोरों के हाथों को काट दिया जाए। और यह चेतावनी किसी ओर ने नहीं वरन मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातीर मोहम्मद ने दी है।
 
उनका आरोप है कि वर्तमान प्रधानमंत्री निजीब रजाक कथित तौर पर अपनी घोटालों के लिए कुख्यात यूनाइटेड मलय्ज नेशनल ऑर्गनाइजेशन (ऊम्नो) पार्टी को समर्थन जुटाने के लिए इस्लामवादियों का समर्थन मांग रहे हैं। 
 
समूची दुनिया में राजनीतिक लाभ के लिए राजनीतिक दल और इनके नेता विभिन्न तरीकों से मुस्लिम लॉबीइस्ट गुटों और इनसे फंडिंग के लिए प्रतिद्वंद्विता कर रहे हैं। मोहम्मद का कहना है कि वोटों की खातिर ओबामा प्रशासन और अन्य पश्चिमी वामपंथियों किया है वही यहां भी हो रहा है। 'छिपे हुए जेहादियों' का समर्थन हासिल कर रहे हैं और इस तरह से 'अपरिचित सह षडयंत्रकारियों' के साथ गठजोड़ कर रहे हैं।
 
हालांकि अभी यहां इस्लामी कट्‍टरता इतनी भयानक नहीं है जितनी की इस्लामिक स्टेट और अन्य जगहों पर है लेकिन मलेशिया आतंक के इनक्यूबेटर में अवश्य बदल रहा है। महातीर की चिंता है कि अगर मलेशिया में शरिया नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है तो यहां भी बर्बर इस्लामी शासन स्थान ले लेगा। 
 
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को एक साक्षात्कार में महातीर का कहना है कि ' निजीब ने जो कुछ किया है उसके कारण उम्नो वास्तव में अलग-थलग पढ़ गई है और वे पीएएस (पार्टी इस्लाम से-मलेशिया) का समर्थन पाने की कोशिशों में जुटी हुई है।' यह इस्लामी पार्टी कड़े शरिया कानूनों  को लागू करने की पक्षधर है।
 
महातीर के अनुसार, 'इस पार्टी ने संसद में हुदूद को संसद में लाई है। इस बिल को लाने का रास्ता  उम्नो पार्टी ने ही बनाया था और अगर इसे पीएएस का समर्थन मिलता है तो मलेशियाई संसद में शरिया कोर्ट स्थापित करने का रास्ता बन जाएगा।' हालांकि पिछले माह संसद ने पीएएस के समर्थन से लाए एक इस तरह के बिल को तेजी से आगे बढ़ा दिया था जिसने बहुत से लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था।
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