वाशिंगटन। डाटा लीक मामले में फेसबुक और उसके संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। भारत से मिली चेतावनी के बाद फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखा है और अपनी गलती को स्वीकार किया है। उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि कंपनी ने इस मामले में कई कदम उठाए हैं और भी सख्त कदम उठा सकती है।
जुकरबर्ग ने फेसबुक पर लिखा कि लोगों के डेटा को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है, अगर हम इसमें असफल होते हैं तो ये हमारी गलती है। उन्होंने कहा कि हमने इसको लेकर पहले भी कई कदम उठाए थे, हालांकि हमसे कई गलतियां भी हुईं लेकिन उनको लेकर काम किया जा रहा है। उन्होंने इस पोस्ट में कहा कि फेसबुक को मैंने शुरू किया था, इसके साथ अगर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी मेरी ही है। हम अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करते रहेंगे, हम एक बार फिर आपका विश्वास जीतेंगे।
उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि 2007 में हमने फेसबुक में कई तरह की चीजों को अपडेट किया। इसमें दोस्तों के जन्मदिन, एड्रेस बुक, मैप्स जैसे कई एप्स शामिल थे। इसके लिए हमने फेसबुक यूज़र से कुछ जानकारी ली, जिसमें उनके दोस्त कौन हैं जैसी जानकारी शामिल थी।
2013 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एलेक्जेंडर कोगन ने एक पर्सनल क्विज़ एप बनाया। जिसे करीब 3 लाख लोगों ने इंस्टाल किया, इसमें कुछ पर्सनल डेटा का भी उपयोग किया गया। इससे ना सिर्फ उन तीन लाख लोगों का डाटा शेयर हुआ बल्कि उनके कई दोस्तों का भी हुआ।
2014 में हमने एप्स और डेटा शेयरिंग के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया, जिसके बाद अगर कोई अन्य एप किसी यूजर का डेटा मांगती है, तो उसे पहले यूजर से पूछना पड़ेगा। लेकिन 2015 में एक अखबार की रिपोर्ट से पता लगा कि कोगन ने ये डाटा कैंब्रिज एनालिटका कंपनी के साथ शेयर किया है। जो कि नियमों के खिलाफ था। इसके बाद कोगन की एप्लिकेशन को फेसबुक ने प्रतिबंधित कर दिया। हमने कोगन और कैंब्रिज एनालिटका से सभी यूजर्स का डेटा डिलीट करने को कहा और इसका सर्टिफिकेट देने को भी कहा।
जुकरबर्ग ने लोगों को भरोसा दिलाया कि फेसबुक अपने यूजर्स को एक नया टूल देगा कि ताकि उन्हें पता चले कि उनके डेटा का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है और आगे से डेवलपर्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए डेटा तक उसकी पहुंच को प्रतिबंधित कर देगा।
जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी फेसबुक डाटा को प्रतिबंधित करेगी और थर्ड पार्टी डेवलपर्स सिर्फ नाम, प्रोफाइल फोटो और इमेल एड्रेस एक्सेस कर सकेंगे। साथ ही डेवलपर्स को अपने पोस्ट्स के अधिकार के लिए फेसबुक यूजर्स से पूछने से पहले एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करने की जरूरत होगी। कंपनी प्रत्येक फेसबुक यूजर्स के न्यू फीड के टॉप पर एक नया फीचर पोस्ट करेगा जो, ऐप की पहुंच को रद्द करने का एक आसान तरीका होगा।