मोदी बोले, धीमे बदलाव के दिन गुजरे

Webdunia
गुरुवार, 19 अप्रैल 2018 (07:23 IST)
लंदन। पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि धीमे बदलाव के दिन गुजर चुके हैं और केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के शासनकाल में भारतीय ज्यादा आकांक्षा वाले हो गए हैं। 
 
यहां सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में 'भारत की बात, सबके साथ' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस सरकार से लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि यह सरकार उनकी अपेक्षाएं पूरी कर सकती है।
 
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा संचालित कार्यक्रम में सवालों के जवाब में मोदी ने कहा, 'लोग जानते हैं कि वे जब कुछ कहेंगे तो सरकार सुनेगी और करेगी। धीमे बदलाव के दिन गुजर चुके हैं।'
 
विपक्षी पार्टियों की ओर से अपनी सरकार की आलोचना किए जाने पर मोदी ने कहा कि उन्हें आलोचना से समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, 'आलोचना करने के लिए शोध करना चाहिए और उचित तथ्यों का पता लगाना चाहिए। लेकिन दुखद है कि अब ऐसा नहीं हो रहा। अब सिर्फ आरोप लगाए जाते हैं।'
 
मोदी ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि इस सरकार की आलोचना की जाए। आलोचना से लोकतंत्र मजबूत होता है। रचनात्मक आलोचना के बगैर लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता।' 
 
मोदी ने कहा कि पहले की सरकार एक परिवार के आसपास केंद्रित होती थी लेकिन लोगों ने दिखाया है कि लोकतंत्र में एक चाय बेचने वाला भी उनका प्रतिनिधि बन सकता है और शाही महल में हाथ मिला सकता है। 
उन्होंने कहा कि पहले लोगों ने 'चलता है' वाला रवैया अपना रखा था, लेकिन अब उन्हें हमसे काफी अपेक्षाएं हैं। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि आप देखेंगे कि हम पिछली सरकार की तुलना में कहां खड़े हैं, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हमने देश के लिए अच्छा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 
 
मोदी ने कहा कि आप सबने देखा होगा कि आपके पासपोर्ट की ताकत बढ़ गई है। लोग आपकी तरफ गर्व से देखते हैं। भारत अब भी वही है। लेकिन आज आप फर्क देख सकते हैं।
 
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान महात्मा गांधी ने कुछ खास किय और स्वतंत्रता संघर्ष को जनांदोलन में बदल दिया। 
 
देश में नाबालिग लड़कियों से बलात्कार की हालिया घटनाओं पर मोदी ने दुख व्यक्त किया और कहा कि यह सिर्फ व्यक्ति की नहीं बल्कि समाज की भी बुराई है। इसे चिंता का विषय करार देते हुए उन्होंने कहा कि हम अपनी बेटियों से हमेशा पूछते हैं कि वे क्या कर रही हैं, कहां जा रही हैं। हमें अपने बेटों से भी पूछना चाहिए। इन अपराधों को अंजाम देने वाले लोग भी किसी के बेटे हैं। उस घर में उसकी मां भी है। 
 
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अकेले दम पर देश बदल सकते हैं, इस पर मोदी ने कहा कि वह किसी अन्य भारतीय की तरह एक साधारण नागरिक हैं।
 
मोदी ने कहा, 'हमारा जोर तीन चीजों पर है - छात्रों के लिए शिक्षा, युवाओं के लिए रोजगार और बुजुर्गों के लिए दवाएं।'
 
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के दायरे में 10 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवार आएंगे और उन्हें हर साल प्रति परिवार पांच लाख रुपए तक की कवरेज मिलेगी। इस योजना के कारण टियर -2 और टियर -3 शहरों में निकट भविष्य में 1,000 से ज्यादा अस्पताल बनेंगे। (भाषा) 

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