मदर टेरेसा की विरासत को लेकर बाल्कन देशों में छिड़ी होड़

Webdunia
शनिवार, 3 सितम्बर 2016 (17:27 IST)
स्कोपजे। पोप फ्रांसिस कल जब मदर टेरेसा को संत की उपाधि प्रदान करेंगे तो इस ऐतिहासिक मौके पर दो बाल्कन देश जश्न मनाएंगे क्योंकि ये दोनों टेरेसा की विरासत पर अपना दावा करते हैं। मदर टेरेसा भले ही मानवता की सेवा के लिए भारतीय शहर कोलकाता को अपनी कर्मस्थली के तौर पर चुना था, लेकिन उनका ताल्लुक दक्षिण-पूर्व यूरोप से जुड़ा माना जाता है।
उनका जन्म 1910 में स्कोपजे में हुआ था जो उस वक्त ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था और अब मैसेडोनिया की राजधानी है। वैसे मदर टेरेसा की मां अल्बानियाई मूल की थीं जिनका परिवार कोसोवो से आया था। टेरेसा के पिता की जड़ों को लेकर अलग-अलग बातें सामने आती हैं। ज्यादातर लोग कहते हैं कि टेरेसा के पिता भी अल्बानियाई मूल के थे, हालांकि कई लोगों का यह भी मानना है कि वे मैसोडेनिया के थे।
 
अब ये दोनों बाल्कन देश- अल्बानिया और मैसेडोनिया नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा की विरासत पर अपना दावा करे हैं। इन दोनों देशों में उनकी प्रतिमाएं हैं तथा उनके नाम से कई सड़कों, अस्पतालों और दूसरे स्मारकों का नाम रखा गया है। (भाषा)
 

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