बड़ा खतरा, मुंबई समेत दुनिया के 3 बड़े शहरों को 2050 तक निगल लेगा समंदर

Webdunia
बुधवार, 30 अक्टूबर 2019 (15:12 IST)
नई दिल्ली। हाल ही में हुए एक शोध में दावा किया गया है कि समुद्र का बढ़ता जलस्तर वर्ष 2050 तक पूर्व में अनुमानित संख्या से तीन गुना अधिक आबादी को प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पूरी तरह खत्म हो सकती है। शोध के अनुसार, मुंबई ही नहीं, चीन का शंघाई, मिश्र का अलेक्जेंड्रिया भी 2050 तक पानी में डूब जाएगा।
 
न्यू जर्सी स्थित 'क्लाइमेट सेंट्रल' द्वारा किए गए इस शोध को 'नेचर कम्यूनिकेशंस' नाम की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। शोध के अनुसार, वर्तमान में लगभग 15 करोड़ लोग ऐसी भूमि पर रह रहे हैं जो मध्य शताब्दी तक हाई टाइड की जद में होगी।
 
नए अनुमान के मुताबिक भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के पूरी तरह खत्म होने का खतरा है। खासकर शहर के निचले किनारे को सबसे ज्यादा खतरा है।
 
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लेखकों ने सैटेलाइट रीडिंग के आधार पर भूमि की ऊंचाई की गणना का एक अधिक सटीक तरीका विकसित किया है, जो बड़े क्षेत्रों पर समुद्र-स्तर के प्रभाव के आकलन का एक मानक तरीका है, और पाया कि पिछली संख्याएं हकीकत से बहुत ज्यादा दूर थीं। 
चित्र सौजन्य : न्यूयॉर्क टाइम्स 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

CM of Maharashtra : कैसे मान गए शिंदे, इतनी आसानी से क्यों दे दी CM की कुर्सी, क्या है पर्दे के पीछे की कहानी

सभी देखें

नवीनतम

संभल में 100 से ज्यादा उपद्रवियों के पोस्टर जारी, इंटरनेट अभी भी बंद

Chhattisgarh : मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हुई बैठक, कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले

अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका कोर्ट ने मंजूर की, 20 दिसंबर को अगली सुनवाई

Kuno नेशनल पार्क से आई बुरी खबर, चीता नीरवा के 2 शावकों की मौत

BJP ने मल्लिकार्जुन खरगे से कहा- राहुल गांधी को बदलें EVM को नहीं

अगला लेख