नरेन्द्र मोदी के कदमों पर इमरान खान, शपथ ग्रहण समारोह पर रहेगी दुनिया की नजर

Webdunia
गुरुवार, 2 अगस्त 2018 (14:49 IST)
पाकिस्तान के आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के नेता इमरान खान कुछ-कुछ नरेन्द्र मोदी के कदमों पर ही चलते दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि मोदी की ही शैली में वे 11 अगस्त को होने वाले अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए भारतीय प्रधानमंत्री को न्योता भेज सकते हैं। 
 
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इमरान अपने समकालीन भारतीय खिलाड़ियों कपिल देव और गावस्कर और नवजोतसिंह सिद्धू को न्योता भेज चुके हैं। साथ ही फिल्म स्टार आमिर खान को भी बुलावा भेजने के बात सामने आ रही है, लेकिन आमिर ने इसकी पुष्टि नहीं की है। आमिर ने कहा कि उन्हें आमंत्रण नहीं मिला है। 
 
मोदी को न्योते पर अभी फैसला नहीं : बताया जा रहा है कि इमरान मोदी की तर्ज पर सार्क देशों के नेताओं को अपने शपथ समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेज सकते हैं। हालांकि इस पर अभी फैसला नहीं हुआ। इमरान तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं से इस संबंध में चर्चा कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मोदी की तर्ज पर ही इमरान सार्क नेताओं को न्योता देने के बारे में सोच रहे हैं।
 
इस संबंध में जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुक अब्‍दुल्‍ला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे भारत और पाकिस्‍तान के बीच अच्‍छे संबंध होंगे। यह भी चर्चा है कि अपने चुनावी अभियान में भी इमरान खान ने काफी हद तक 'मोदी स्टाइल' को ही अपनाया था। इमरान ने 'नया पाकिस्‍तान' और 'चेंज' का नारा दिया था, वहीं नरेन्द्र मोदी बहुत पहले से नया भारत बनाने और बदलाव की बात कहते रहे हैं। 
 
शपथ समारोह की तारीख की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान से बात की थी और उम्मीद जताई कि पड़ोसी देश में लोकतंत्र अपनी जड़ें गहरी करेगा। उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र में शांति एवं विकास का अपना विजन भी दोहराया। इस बीच, इस्लामाबाद में खान की पार्टी ने एक बयान में कहा कि खान ने प्रधानमंत्री मोदी की शुभकामनाओं को लेकर उनका शुक्रिया अदा किया है।
 
सेना नहीं मानी तो... : माना तो यह भी जाता है कि नवाज शरीफ के समय पाकिस्‍तान की सेना मोदी के आमंत्रण को स्‍वीकार करने के खिलाफ थी। लेकिन नवाज शरीफ नहीं माने। इसी के बाद शरीफ के सेना के साथ रिश्‍ते असहज होने शुरू हो गए थे। नवाज भारत के साथ संबंध सुधारने के इच्‍छुक थे, लेकिन अपनी सेना के कारण वे ऐसा नहीं कर सके। अत: कोई आश्चर्य नहीं कि इस बार भी यदि सेना ने दखल दिया तो हो सकता है कि इमरान मोदी को न्योता भिजवा ही नहीं पाएं।

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